Spotnow news: झुंझुनूं विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने उन मुसलमानों के रास्ते बंद कर दिए हैं जिन्होंने ऐतिहासिक धरोहरें जैसे लाल किला और ताजमहल बनवाए।
उन्होंने कांग्रेस की नीतियों को मुस्लिम समुदाय के लिए हानिकारक बताया। इसके अलावा गुढ़ा ने राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी पर भी हमला करते हुए कहा कि दीया कुमारी की शादी में राजपूत समाज धरने पर बैठा था।
5 नवंबर को राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने झुंझुनूं का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भांबू के समर्थन में जनसंपर्क किया और स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक भी की।
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राजेंद्र गुढ़ा ने डिप्टी सीएम दीया कुमारी के बारे में कहा कि- दीया कुमारी झुंझुनूं में राजपूत समाज की ठेकेदार बनकर आईं थीं। उनकी शादी को लेकर कई सवाल उठते हैं। सिटी पैलेस में उनकी शादी क्यों नहीं हुई? उनके विवाह का मंडप कहां था? उनके शादी के बाद तो पूरा समाज धरने पर बैठा था।गुढ़ा ने इस बयान के जरिए दीया कुमारी के परिवार और विवाह से जुड़ी कुछ राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं को भी हवा दी।
गुढ़ा ने कहा कि जब मैंने गहलोत और वसुंधरा दोनों का बैंड बजा दिया, तो भजनलाल से मुझे डरने की कोई जरूरत नहीं है।
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कांग्रेस ने मुसलमानों के सारे रास्ते बंद कर दिए
राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पिछले 60 सालों में कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के लिए तमाम रास्ते बंद कर दिए हैं। उनका कहना था कि जिन मुसलमानों ने भारत के ऐतिहासिक धरोहरों जैसे लाल किला, ताजमहल और कुतुबमीनार जैसी इमारतें बनाईं।
उन्हें आज वह स्थिति झेलनी पड़ रही है कि उन्हें अपनी रोज़ी-रोटी के लिए भी विदेशों में पलायन करना पड़ रहा है। कांग्रेस के शासन में व्यापार, नौकरी, और सरकारी सेवाओं में मुसलमानों के लिए दरवाजे बंद हो गए हैं। एक वक्त था जब सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का हिस्सा 51 प्रतिशत था, लेकिन आज यह आंकड़ा 1 प्रतिशत से भी कम रह गया है।
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उन्होंने यह भी पूछा कि जब देश में कांग्रेस का शासन था- नेहरू, इंदिरा गांधी, मनमोहन सिंह और राजीव गांधी जैसे नेता प्रधानमंत्री रहे- तो फिर आखिर क्यों मुसलमानों का हाल आज इतना खराब है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि मुझे 13 नवंबर तक का समय मिले, तो आप देखेंगे कि आपका भाई और बेटा विधानसभा में बैठा है, यानी वह खुद को राजनीतिक ताकत के रूप में साबित करेंगे।
त्रिकोणीय मुकाबला
झुंझुनूं विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। पहले इस सीट पर बृजेंद्र ओला ने चुनाव जीता था। लेकिन जब उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया, तो यह सीट खाली हो गई। अब भाजपा ने इस सीट पर राजेंद्र भाबूं को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि कांग्रेस ने बृजेंद्र ओला के बेटे, अमित ओला को टिकट दिया है। इसके अलावा, राजेंद्र गुढ़ा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।
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राजेंद्र गुढ़ा कांग्रेस के परंपरागत मुस्लिम और दलित वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। इन वर्गों का समर्थन पाने से कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगने की संभावना बढ़ गई हैहै। जिससे पार्टी के चुनावी समीकरण पर असर पड़ सकता है।