Thursday, November 14, 2024
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Spotnow news: 24 घंटे से टंकी पर चढ़े युवक बोले- भ्रष्ट अधिकारी और मंत्री नहीं चाहते कि हम मुख्यमंत्री से मिलें

Spotnow news: SI भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द करने की मांग को लेकर जयपुर में 2 युवक टंकी पर चढ़े हैं। 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी दोनों नीचे नहीं उतरे हैं। उन्होंने कहा है कि आरपीएससी के अध्यक्ष और सदस्य इस पेपर को करोड़ों में बेचने में शामिल रहे औरमंत्री केके विश्नोई ने पेपर दिलवाने का काम किया था।

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इन लोगों का नाम चार्जशीट में आने के बावजूद सरकार ने अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है।हमारे कुछ साथियों को CM भजनलाल शर्मा से मिलवाया जाए। इसके बाद CM लेटर जारी कर भर्ती परीक्षा रद्द करने की घोषणा करें।

जानकारी के अनुसार- 10 नवंबर, रविवार को करीब 1 बजे लादूराम चौधरी (35) और विकास विधूड़ी (34) हिम्मत नगर स्थित पानी की टंकी पर दो बैनर लेकर चढ़ गए थे। आज उन्होंने मीडिया से अपनी बातचीत में इस घटना के बारे में जानकारी दी

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उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि- आरपीएससी से पेपर लीक हुआ था। और इस लीक से जुड़े अधिकारियों ने न तो गोपनीयता का पालन किया और न ही पारदर्शिता बरती। अब यह सब सामने आ चुका है। आरपीएससी के अध्यक्ष और सदस्यों ने इस पेपर को करोड़ों रुपए में बेचा। इस तरह की हरकतों ने आरपीएससी की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।

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इन सभी का नाम चार्जशीट में शामिल होने के बावजूद सरकार ने इन्हें गिरफ्तार नहीं किया है। सभी संबंधित एजेंसियों ने सरकार को स्पष्ट रूप से यह सलाह दी है कि भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाए। लेकिन मुख्यमंत्री सिर्फ एक मंत्री के दबाव में आकर इस कदम को नहीं उठा रहे हैं।

युवक बोले- मंत्री केके विश्नोई ने पेपर दिलवाने का काम किया

मंत्री के करीबी कुछ लोगों की भर्ती प्रक्रिया में संलिप्तता सामने आई है। और समय के साथ इनका नाम भी उजागर होने की संभावना है। पूर्व मंत्री भजनलाल सरकार के करीबी सहयोगी केके विश्नोई के दो महिला एसआई हाल ही में एसओजी की गिरफ्त में आईं हैं।

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इन दोनों को अब जेल भेजा गया है। बताया जा रहा है कि केके विश्नोई ने भर्ती प्रक्रिया में मदद के लिए पेपर दिलवाने का काम किया। सरकार मंत्री पर इस मामले को लेकर दबाव है। इस घोटाले में शिखर अग्रवाल (मुख्यमंत्री के सचिव) के साथ इन लोगों का भी एक गहरा संबंध है। सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों ने सिस्टम के साथ समझौता कर उसे निजी हितों के लिए बेच दिया है।

भ्रष्ट अधिकारी नहीं चाहते कि हम मुख्यमंत्री से मिलें

अब तक सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई है। हम कल से भूखे-प्यासे टंकी पर बैठकर अपनी आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन सरकार के प्रतिनिधियों ने तक हमसे खाने तक के बारे में नहीं पूछा। हमारी प्रमुख मांग यह है कि हमें मुख्यमंत्री से मिलवाया जाए।

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अगर सीएमओ में मुलाकात होती है। तो वहां के भ्रष्ट अधिकारी इसे किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगे। क्योंकि फाइलें उनके ही नीचे दबी हैं। हम चाहते हैं कि हमारी मुलाकात भजनलाल जी से कराई जाए, क्योंकि हमारा सबसे बड़ा दुख यह है कि हमारे पास भर्ती के पेपर खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इस वजह से हमें मजबूरी में पानी की टंकी पर चढ़ना पड़ा है।

REET ग्रेड फर्स्ट और सेकेंड भर्ती को तो रद्द किया था

योग्य अभ्यर्थी REET ग्रेड फर्स्ट और सेकेंड में थे। फिर भी सरकार ने भर्ती रद्द कर दी। पेपर 30 दिन पहले लीक हुआ था और ये चहेतों तक पहुंचाया गया। क्या आरपीए में बैठे एसआई बता पाएंगे कि यह पेपर कितने लोगों में बंटा? मुख्यमंत्री की टेबल पर फाइल पड़ी हुई है।

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मंत्री और जांच एजेंसी दोनों ही कह चुके हैं कि पेपर लीक हुआ था। जिम्मेदार अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था को गलत तरीके से चलाया है। अब सरकार को इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होतीं, हम टंकी पर ही बैठे रहेंगे।

पोस्टर्स पर लिखी मुख्य बातें

1. बाबूलाल कटारा ने परीक्षा से 1 महीना पहले ही पेपर आयोग के सदस्यों को बांट दिए थे। अब डॉ. भूपेंद्र सिंह, संजय क्षोत्रिय और मंजू शर्मा की संलिप्तता सामने आई है। इनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।

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2. SOG, पुलिस मुख्यालय, एडवोकेट जनरल और मंत्रियों की कमेटी ने भर्ती रद्द करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने अभी तक इसे रद्द क्यों नहीं किया?

3. यूनिक भांबू और सुरेश ढाका की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई, बावजूद इसके 160 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें 50 ट्रेनी थानेदार भी शामिल हैं।

4. SOG ने हरियाणा, पौरव कालेर, राजेंद्र और हर्षवर्धन गैंग को गिरफ्तार किया, लेकिन सरकार फिर भी भर्ती रद्द नहीं कर रही है।

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5. मंत्री केके बिश्नोई और सीएम सेक्रेटरी शिखर अग्रवाल के चहेतों के लिए पेपर खरीदे गए और फर्जीवाड़े से नौकरी लगाई गई। सरकार इन्हें बचाने के लिए भर्ती रद्द नहीं कर रही है।

6. पेपर लीक होने के 1 महीने बाद भी सरकार की निरंकुशता से योग्य और मेहनती युवाओं के पास अब आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

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