Spotnow news: भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई। आज (बुधवार) को सेंसेक्स 984 अंक या 1.25% गिरकर 77,690 पर और निफ्टी 324 अंक या 1.36% गिरकर 23,559 पर बंद हुआ। इस दिन बाजार की कुल पूंजीकरण में रु. 6.8 लाख करोड़ की कमी आई और यह घटकर रु. 430.45 लाख करोड़ हो गई।
सेक्टरों के लिहाज से निफ्टी बैंक, ऑटो, मीडिया, मेटल, PSU बैंक और रियल्टी सेक्टर में 2% से 3.2% तक की गिरावट देखने को मिली। वहीं “फियर गेज” इंडिया VIX में 5% का उछाल आया और यह 15.33 पर पहुंच गया।
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कई प्रमुख कंपनियां जैसे HDFC बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ICICI बैंक, M&M और L&T ने मिलकर सेंसेक्स की गिरावट में 535 अंकों का योगदान दिया। SBI, TCS, एक्सिस बैंक और कोटक बैंक भी गिरावट में शामिल रहे।
आज की गिरावट के प्रमुख कारण:
1. सीपीआई मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्चतम स्तर पर
अक्टूबर में भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% तक पहुंच गई, जो सितंबर में 5.49% थी। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि, खासकर सब्जियों और खाद्य तेलों में महंगाई है। इस वृद्धि ने अगले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से दरों में कटौती की उम्मीदों को कम कर दिया है। जिससे बाजार में निराशा बढ़ी और शेयरों की बिक्री में तेजी आई।
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2. बॉन्ड यील्ड्स और डॉलर इंडेक्स का बढ़ना
अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी और डॉलर इंडेक्स के मजबूत होने से भारतीय बाजारों पर दबाव पड़ा है। अमेरिकी 10 साल के बॉन्ड यील्ड की दर 4.42% तक पहुंच गई है। और डॉलर इंडेक्स 105.97 पर पहुंच गया है। यह अमेरिकी संपत्तियों को अधिक आकर्षक बनाता है। जिससे उभरते बाजारों से पूंजी बहिर्वाह हो रहा है।
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3. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निरंतर बिकवाली
विदेशी निवेशक 32वें दिन भी भारतीय शेयरों से पैसा निकालते रहे। जबकि वे चीन में हो रहे प्रोत्साहन उपायों और वहां की और अधिक आकर्षक वैल्यूएशंस की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इस निरंतर बिकवाली से बाजार में अस्थिरता बढ़ी और निवेशक विश्वास में कमी आई। अब तक विदेशी निवेशकों ने करीब 14 बिलियन डॉलर का पूंजी निकासी की है।
4. निफ्टी का 200-DMA से नीचे गिरना
निफ्टी पहली बार अप्रैल 2023 के बाद अपने 200-DMA (डे में मूविंग एवरेज) के नीचे गिरा है। जिससे बाजार में और गिरावट की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि निफ्टी 23,500 के स्तर से नीचे गिरता है। तो इससे 23,300-23,200 तक की गिरावट हो सकती है।
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5. महाराष्ट्र चुनावों को लेकर निवेशकों की सतर्कता
महाराष्ट्र चुनावों को लेकर निवेशक सतर्क हो गए हैं। क्योंकि चुनाव परिणामों से राजनीतिक अनिश्चितताएं पैदा हो सकती हैं। जो बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। महाराष्ट्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण राज्य है। और यहां के चुनाव परिणाम नीतिगत निर्णयों और निवेशक भावना को प्रभावित कर सकते हैं।
6. US मुद्रास्फीति आंकड़ों को लेकर घबराहट
अमेरिकी मुद्रास्फीति पर आज आने वाले आंकड़े भी निवेशकों के लिए चिंता का कारण बने हैं। अगर अक्टूबर का आंकड़ा अपेक्षा से ज्यादा बढ़ा तो इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कड़ी मौद्रिक नीति की संभावना और बढ़ सकती है। जबकि अगर आंकड़ा कम रहा तो दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ सकती हैं।
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