Spotnow news: उदयपुर के समोर बाग पैलेस से एक शाही माहौल में शुरू हुई महेंद्र सिंह मेवाड़ की अंतिम यात्रा ने शहर के हर कोने में उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान की लहर पैदा कर दी। सोमवार को करीब 4 बजे आयड़ स्थित महासतिया घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
जहां उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ ने उन्हें अग्नि दी। इस दौरान पोते देवजादित्य सिंह भी उनके साथ थे।
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रविवार को महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन हुआ था। 83 वर्षीय मेवाड़ का ब्रेन स्ट्रोक के बाद 13 दिन तक इलाज चल रहा था। वे उदयपुर के अनंता हॉस्पिटल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। सोमवार सुबह 11 बजे समोर बाग पैलेस से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई, जिसमें हाथी, घोड़े, और बैंड के साथ शाही धुन गूंज रही थी। यात्रा में शामिल लोग ‘महाराणा साहब अमर रहे’, ‘जब तक सूरज-चांद रहेगा’ जैसे उद्घोषों के साथ आगे बढ़ रहे थे।
दर्शनों के लिए उमड़ा जनसैलाब
अंतिम यात्रा के दौरान शहर के प्रमुख मार्गों जैसे जगदीश चौक, घंटाघर, और बड़ा बाजार से गुजरते हुए हजारों लोग महेंद्र सिंह मेवाड़ के अंतिम दर्शन के लिए इकट्ठा हुए। व्यापारियों ने सम्मान स्वरूप अपने दुकानों को बंद कर दिया था, और लोग खड़े होकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।
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समोर बाग में महेंद्र सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां उनका पूरा परिवार मौजूद था। उनके बहू महिमा कुमारी, जो राजसमंद से भाजपा सांसद हैं। और कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों जैसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ का योगदान
महेंद्र सिंह मेवाड़ एक जानी-मानी राजनीतिक और सामाजिक शख्सियत थे। उन्होंने ‘पद्मावत’ फिल्म का विरोध किया था और गुलाबचंद कटारिया के साथ पैदल यात्रा निकाली थी। वे उदयपुर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही मेवाड़ क्षेत्र के लोगों के बीच अपनी सादगी और लोगों के प्रति अपने आदर्श व्यवहार के लिए मशहूर थे।
महेंद्र सिंह मेवाड़ की अंतिम यात्रा में उनकी शाही परंपराओं के साथ-साथ उनके परिवार की मजबूत उपस्थिति ने यह सुनिश्चित किया कि उनका विदाई समारोह एक ऐतिहासिक और श्रद्धापूर्वक आयोजन बना।