राजस्थान न्यूज़: नर्स निमिषा प्रिया (36) जो अपने सपनों को साकार करने के लिए यमन गई थीं अब फांसी के करीब पहुंच गई हैं।
यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने उनकी फांसी की सजा को मंजूरी दे दी है। केरल की रहने वाली निमिषा पर 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दुल महदी की हत्या का आरोप है, और वह तब से जेल में बंद हैं।
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राजस्थान न्यूज़: क्या है मामला?
निमिषा ने यमन में अपना क्लिनिक शुरू करने के लिए तलाल महदी से साझेदारी की थी। लेकिन दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। निमिषा का परिवार आरोप लगाता है कि तलाल ने उनके पैसों का दुरुपयोग किया और पासपोर्ट जब्त कर लिया। तलाल पर यह भी आरोप है कि उसने निमिषा की निजी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की।
घटनाक्रम के अनुसार निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया, लेकिन ज्यादा खुराक के चलते तलाल की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा को यमन से भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया।
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न्यायिक प्रक्रिया और असफल प्रयास
2018 में निमिषा को हत्या का दोषी ठहराया गया और 2020 में फांसी की सजा सुनाई गई। सुप्रीम कोर्ट में अपील खारिज होने के बाद उनके परिवार ने ब्लड मनी के जरिए सजा माफ कराने की कोशिश की। लेकिन बातचीत में बाधाएं आईं। पीड़ित परिवार ने ब्लड मनी के तौर पर भारी रकम की मांग की, जो जुटाना संभव नहीं हो सका।
भारत सरकार की कोशिशें
निमिषा के परिवार ने भारतीय विदेश मंत्रालय से मदद मांगी। मंत्रालय ने यमन में वकीलों की नियुक्ति और परिवार की मदद के प्रयास किए। लेकिन ब्लड मनी की रकम जुटाने और बातचीत में पारदर्शिता की कमी ने मामले को और जटिल बना दिया।
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राजस्थान न्यूज़: परिवार की आखिरी उम्मीद टूटी
राष्ट्रपति द्वारा सजा की पुष्टि के बाद निमिषा की मां प्रेमा कुमारी और परिवार के अन्य सदस्य बेहद निराश हैं। प्रेमा कुमारी ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन अंततः यह प्रयास विफल रहा।