अजमेर न्यूज़: एक दंपति ने अपनी जमीन विवाद को लेकर जिला कलक्टर को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की है। दंपति का आरोप है कि प्रशासन द्वारा 40 वर्षों से उनके कब्जे वाली जमीन को खाली कराने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
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दंपति ने प्रशासन पर भेदभाव का लगाया आरोप
अजमेर के कालेसरा गांव निवासी शारदा देवी और उनके पति कैलाश गुर्जर का कहना है कि पीसांगन रोड स्थित सरकारी स्कूल के पास 40 साल से उनका परिवार इस जमीन पर काबिज है। शारदा देवी ने बताया कि उनके ससुर भैरू गुर्जर इस जमीन पर दुकान चलाते थे, और उनके पास इसके पर्याप्त सबूत भी मौजूद हैं। बावजूद इसके, प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि गांव में कई अन्य लोगों ने सरकारी जमीन पर बड़े पैमाने पर कब्जा कर रखा है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। दंपति का कहना है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
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पूर्व सरपंच के बेटे पर आरोप
पीड़ित महिला ने बताया कि हाल ही में गांव के पूर्व सरपंच के बेटे ने उनकी जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश की। उन्होंने इस मामले की शिकायत पीसांगन थाने में दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस ने मामूली कार्रवाई की।
“जीने का अधिकार नहीं, तो मरने की इजाजत दी जाए”
दंपति का कहना है कि प्रशासनिक दबाव और कानूनी कार्रवाइयों के चलते वे मानसिक रूप से परेशान हैं। शारदा देवी ने जिला कलेक्टर से आग्रह किया कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिल सकता, तो उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए।
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दंपति की अपील पर क्या होगा प्रशासन का कदम?
यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद का समाधान कैसे करता है और दंपति को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।