एक्सक्लूसिव रिपोर्ट – प्रदीप जांगिड़
राजस्थान न्यूज़: आज हम एक गंभीर मुद्दे पर चर्चा करेंगे, जो युवाओं की जिंदगी को गहराई से प्रभावित कर रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लाखों रुपये कमाने और अपनी मर्जी का काम करने का झांसा देकर युवाओं को सेक्स वर्कर बनने पर मजबूर किया जा रहा है।
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सोशल मीडिया के जरिए बढ़ती साइबर ठगी
हाल के वर्षों में साइबर ठगी के कई नए तरीके सामने आए हैं, जिनसे अपराधी रोज करोड़ों रुपये की कमाई कर रहे हैं। लेकिन यह मामला केवल आर्थिक ठगी तक सीमित नहीं है। यह आपकी प्राइवेसी, सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को गहरे संकट में डाल सकता है, यहां तक कि आपको आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है।
कैसे होती है फंसाने की शुरुआत?
क्या आपने कभी “प्लेबॉय” का नाम सुना है? यह शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल होता है, जो खासकर महिलाओं का शारीरिक और मानसिक तौर पर मनोरंजन करते हैं।
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डिजिटल युग में सोशल मीडिया के जरिए यह धंधा और भी खतरनाक रूप ले चुका है। लोगों को पर्सनल मैसेज भेजकर उन्हें ऐसे ग्रुप्स में शामिल होने का न्योता दिया जाता है, जहां हर दिन किसी नई महिला से मिलने और शारीरिक संबंध बनाने के साथ मोटी कमाई का वादा किया जाता है।
कैसे किया जाता है शिकार?
पहले इन ग्रुप्स में शामिल होने के लिए ज्वाइनिंग फीस के नाम पर 3,000 से 5,000 रुपये मांगे जाते हैं। लोगों के मन में सवाल उठते हैं, और अपराधी बड़ी चालाकी से उनका जवाब देते हैं:
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1. क्या यह गवर्नमेंट रजिस्टर्ड कंपनी है?
वे फर्जी सर्टिफिकेट दिखाकर भरोसा दिलाते हैं।
2. क्या मेरा प्राइवेट डेटा सुरक्षित रहेगा?
वे दावा करते हैं कि आपकी सभी जानकारी सुरक्षित रहेगी।
3. क्या यह पार्ट-टाइम काम हो सकता है?
जवाब मिलता है कि आप इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से कर सकते हैं।
4. क्या इसमें अच्छे पैसे मिलेंगे?
वे कहते हैं कि हर विजिट पर आपको 3,000 रुपये तक दिए जाएंगे।
5. क्या मुझे दूसरे शहर जाना होगा?
वे भरोसा दिलाते हैं कि आपको अपने इलाके में ही काम करना होगा।
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ब्लैकमेलिंग और शोषण का जाल
ज्वाइन करने के बाद ये अपराधी आपकी सभी पर्सनल डिटेल्स मांगते हैं, जिसमें आपका बैंक अकाउंट नंबर भी शामिल होता है। इसके बाद वे किसी महिला से आपकी मुलाकात करवाते हैं और आपका प्राइवेट वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं।
ब्लैकमेलिंग तक मामला यहीं नहीं रुकता। वे आपको इतने घिनौने कामों में धकेलते हैं कि आप चाहकर भी इस जाल से नहीं निकल पाते। आपकी मर्जी के खिलाफ आपको सेक्स वर्कर की तरह इस्तेमाल किया जाता है। धीरे-धीरे स्थिति ऐसी हो जाती है कि पीड़ित आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है।
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कौन बनता है इनका शिकार?
यह गिरोह खासतौर पर दूसरे शहरों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को निशाना बनाता है, जो पार्ट-टाइम नौकरी या जल्दी पैसे कमाने के लालच में इस जाल में फंस जाते हैं।
राजस्थान में सेक्स वर्कर्स के चोंका देने वाले आंकड़े
राजस्थान में सेक्स वर्कर्स की संख्या 2 लाख से भी ज्यादा है। जिसमें लगभग 70% महिलाएं और 30% पुरुष शामिल हैं।
एक अध्ययन के अनुसार इन सेक्स वर्कर्स में 40% 20-24 वर्ष की आयु वर्ग के हैं, जो इस काम में युवाओं की अधिकता को दर्शाता है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, इन सेक्स वर्कर्स में एचआईवी/एड्स संक्रमण की दर 4.5% से 6.5% के बीच पाई गई है।
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यह बेहद जरूरी है कि हम इन खतरनाक जालसाजियों के प्रति सतर्क रहें। केवल लड़कियां ही नहीं, बल्कि लड़के भी अब सुरक्षित नहीं हैं। हर कोई इन साइबर अपराधियों का शिकार बन सकता है।