राजस्थान न्यूज़: नाबालिग से रेप करने वाले युवक को कोर्ट के 20 साल की सजा सुनाई, लेकिन यह इतना आसान नहीं था। आरोपी को बचाने के लिए खुद पीड़िता ने ही अपना बयान बदल दिया। और किसी अन्य युवक पर इल्ज़ाम लगा दिया।
बता दे कि पीड़िता 16 सप्ताह की प्रेगनेंट थी। इसके बाद कोर्ट के दोनों युवकों का DNA नाबालिग के गर्भ में पल रहे भ्रूण से करवाया। जिसमें एक युवक का DNA मैच हो गया। जालौर की पॉक्सो कोर्ट ने उसे नाबालिग से रेप का दोषी मानते हुए 20 साल की जेल और 50,000 का जुर्माना सुनाया।
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क्या था पूरा मामला
जालौर के भाद्राजून की रहने वाली नाबालिग अपने पिता से लड़ झगड़कर अपनी भाभी के साथ मई 2024 में घर छोड़कर अहमदाबाद आ गई। अब वहां उन्हें रहने खाने के साथ काम की भी जरूरत थी।
कुछ समय तक दोनों काम की तलाश में इधर-उधर भटकती रही। इसी दौरान उनकी जान पहचान रमेश (बदला हुआ नाम) से हुई। उसने उन्हें रहने के लिए अपना घर दिया, लेकिन ज्यादा समय तक ऐसा नहीं चल सका।
नाबालिग की भाभी को लगा कि अब इससे पीछा छुड़ाना ही ठीक है। इसके बाद रमेश और भाभी उसे वहीं छोड़कर कहीं चले गए। नाबालिग के पास अब कुछ नहीं बचा, उसके पास एक वक्त का खाना खाने के भी रुपए नहीं थे।
आरोपी से हुई नाबालिग की मुलाकात
कुछ दिनों बाद नाबालिग की मुलाकात नवीन जोगी नामक 22 वर्षीय युवक से हुई। नवीन ने उसे भरोसा दिलाया वह उसका ध्यान रखेगा। और अपने साथ गांव ले गया।
नाबालिग गांव में खेती का काम करने लगी। करीब तीन महीने वह उसके साथ रही। इस दौरान नवीन ने उसका कई बार रेप किया।
पुलिस ने लगाया नाबालिग का पता
जब नाबालिग अपने घर से भागी, तो अगले ही दिन पिता ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सबसे पहले भाभी का पता लगाया। वह अहमदाबाद में ही रमेश के साथ रह रही थी। वहां जब पुलिस पहुंची, तो उन्हें नाबालिक नहीं मिली।
पुलिस को काफी मशक्कत के बाद गुप्त सूत्रों से नवीन जोगी का पता चला। नाबालिग उसी के साथ उसके गांव में रह रही थी। पुलिस ने वहां पहुंचकर आरोपी को हिरासत में लिया। और नाबालिग को अपने साथ जालौर लेकर आई।
हालांकि, इस दौरान नवीन ने उसका ब्रेन वॉश कर दिया था। जिससे पकड़े जाने पर वह बच सके। नाबालिग ने नवीन की बातों में आकर रेप का आरोप भाभी के साथी रमेश पर लगा दिया।
डीएनए टेस्ट के बाद आरोपी को सुनाई सजा
लेकिन जब डीएनए टेस्ट किया तो नवीन का सैंपल मैच हो गया। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि आरोपी ने नाबालिग के भरोसे का फायदा उठाकर गंभीर अपराध किया है।
अभियोजन पक्ष के रणजीत सिंह ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में 13 गवाह पेश किए। जिनके आधार पर न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार ने सबूतों और गवाहों को ध्यान में रखते हुए आरोपी नवीन को सजा सुनाई।