राजस्थान न्यूज़: रेलवे द्वारा स्तर-1 की भर्तियों के लिए नई शैक्षणिक योग्यता का ऐलान किए जाने के बाद छात्रों और शिक्षकों के बीच नाराजगी देखने को मिल रही है।
रेलवे ने हाल ही में यह घोषणा की कि अब इन पदों के लिए उम्मीदवार का 10वीं पास, ITI या राष्ट्रीय शिक्षुता प्रमाणपत्र (NAC) होना अनिवार्य होगा।
इस फैसले पर ITI छात्रों और शिक्षकों ने नाराजगी जताते हुए इसे अनुचित बताया है। छात्रों का कहना है कि रेलवे ने 2019 में ग्रुप डी की भीड़ को कम करने के लिए ITI की योग्यता लागू की थी, जिसके बाद हजारों छात्रों ने ITI कोर्स में दाखिला लिया। अब जब ITI की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है, तो उनका मेहनत और समय व्यर्थ हो गया।
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जो छात्र ITI कर चुके हैं, उन्हें वरीयता मिलनी चाहिए
छात्रों का कहना है कि यदि रेलवे को ITI हटानी ही थी। तो उन छात्रों को वरीयता दी जानी चाहिए थी। जिन्होंने ITI में समय और पैसा लगाकर इसे पूरा किया है। शिक्षक भी इस फैसले को छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर गुस्सा
इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #lti_Qualification_In_GroupD जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
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