राजस्थान न्यूज़: दो सांडों की लड़ाई राज्य सरकार और पंचायत के लिए महंगी साबित हो गई। कोर्ट ने दोनों को 33 लाख से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
सांडो की लड़ाई में एक युवक की मौत पर फैसला सुनाते हुए बीकानेर जिला न्यायालय ने कहा कि स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ।
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क्या है मामला:
मई 2018 को केसरदेसर गांव के निवासी आशाराम सुथार अपने घर की ओर जा रहे थे। तभी गली में दो सांडों के बीच लड़ाई हो रही थी, और अचानक वे आशाराम की ओर झपट पड़े। गंभीर रूप से घायल आशाराम ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद मृतक के परिवार ने अदालत में मुआवजे की मांग की।
कोर्ट का बड़ा फैसला
न्यायालय ने ग्राम पंचायत और राजस्थान सरकार को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रशासन का कर्तव्य था कि वे आवारा पशुओं को नियंत्रण में रखते और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करते।
ऐसा नहीं किया गया, जिसकी वजह से एक निर्दोष व्यक्ति की जान चली गई। इस लापरवाही के चलते कोर्ट ने 33 लाख 22 हजार 600 रुपए का मुआवजा मृतक के परिवार को देने का आदेश दिया।
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मुआवजा कैसे तय हुआ?
कोर्ट ने मृतक की सालाना आय 2,89,117 रुपए मानी, जो मासिक 24,093 रुपए बैठती है। परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए 32 लाख 52 हजार 600 रुपए क्षतिपूर्ति के तौर पर तय किए गए। इसके अलावा, कुछ और रुपए मृतक की पत्नी को देने का आदेश दिया है।
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