अजमेर न्यूज़: ब्यावर में सोमवार को एक गंभीर मामला सामने आया, जिसके बाद सर्व समाज ने इसका जमकर विरोध किया। यह मामला नाबालिक लड़कियों से रेप, ब्लैकमेल और जबरन धर्म परिवर्तन का है।
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क्या है मामला
17 फरवरी को पुलिस थाना विजयनगर में एक गंभीर मामला सामने आया, जिसमें नाबालिक लड़कियों का देह शोषण किया जा रहा था। कुछ पीड़िताओं ने इस मामले में पुलिस थाना विजयनगर में शिकायत दी, जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ।
खबर फैलने के बाद सर्व समाज में आक्रोश हो गया, और बिजयनगर थाने का घेराव किया गया। इस पर डीएसपी सज्जन सिंह ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
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इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक गिरोह का पर्दाफाश किया, जो नाबालिक छात्राओं से दोस्ती कर ब्लैकमेलिंग और देह शोषण का शिकार बनाते थे। इसमें सोहेब, सोयल मंसूरी, अयान, रियान, अफरान, साहिल, नामालूम, आशिक कुरैशी, जावेद, आमान, फैजान, करीम और अन्य 10-15 लड़के शामिल हैं।

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इसमें 6 आरोपियों लुकमान (20), रिहान मोहम्मद (20), सोहेल मंसूरी (19), साहिल कुरैशी (19), अफराज (18), और अरमान पठान (19) को गिरफ्तार किया है। वहीं, 1 नाबालिग को डिटेन किया है।
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कैसे बनाते थे मासूम बच्चियों को शिकार
इस मामले के बाद यह खुलासा हुआ कि ये आरोपी दिन-रात शहर और गांव की गलियों में सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते थे। जहां ये मासूम लड़कियों को सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर या उनसे मुलाकात कर दोस्ती करते। अपने प्यार के जाल में फंसाना शुरू करते और उन्हें छोटे-मोटे गिफ्ट देकर लुभाते थे। लड़कियों के माता-पिता का भी यही कहना है कि आरोपियों ने उनकी बेटियों को मोबाइल दिया था, जिससे वे उनसे बातचीत करते थे।
यह साफ होता है कि इनका इरादा लड़कियों को अपने काबू में करना था। इसके बाद उन्हें डरा-धमका कर मिलने बुलाते, जहां ये उनका रेप करते और एक अश्लील वीडियो भी बना लेते, जिससे आगे चलकर ये उन्हें ब्लैकमेल कर सकें। यह ब्लैकमेलिंग का जाल इतना गहरा होता है कि बच्चे अपने माता-पिता को भी नहीं बता पातीं।
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कलमा पढ़ने, रोजा रखने का दबाव
लेकिन यह रेप और ब्लैकमेलिंग तक सीमित नहीं है। यह मामला पूरे देश में फैल रहे धर्म परिवर्तन की एक साजिश का हिस्सा है, जिसके तहत समुदाय विशेष के युवक एक समाज की लड़कियों को टारगेट बनाकर जबरन ब्लैकमेलिंग कर उनका रेप करते हैं। इसके बाद कई बार उनका देह शोषण करने के बाद, जब उनके पास कोई चारा नहीं बचता, तो उन्हें अपने धर्म की शिक्षाएं देना शुरू करते हैं। जबरन कलमा पढ़ने, रोजा रखने और अंत में अपने धर्म में उन्हें कन्वर्ट कर देना ही इनका मुख्य उद्देश्य होता है।
अगर लड़कियां हिम्मत नहीं करतीं और माता-पिता को पता नहीं चलता, तो आज भी यह मामला दबा रहता।
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आने वाले समय में यह एक बार फिर से उस अजमेर के मामले से संबंधित हो सकता था, जिसमें 1987 से 1992 के बीच 250 से ज्यादा लड़कियों के साथ रेप किया गया और उन्हें ब्लैकमेल किया गया।
कई लड़कियों ने सुसाइड कर लिया। यह मामला एक चेन की तरह था, जहां लड़कियों की अश्लील वीडियो बनाकर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर दिया जाता था, जिससे उन्हें हर कोई ब्लैकमेल कर उनका देह शोषण करता रहा।
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इस गंभीर मामले में सरकार चुप
इस समय कांग्रेस की सरकार थी जब यह अजमेर ब्लैकमेल कांड हुआ। तब भाजपा नेताओं का कहना रहा कि कांग्रेस के शासन में आरोपियों के प्रति नरमी बरती गई। अब जब क्षेत्रीय विधायक वीरेंद्र सिंह कानावात, सांसद भागीरथ चौधरी (केंद्रीय मंत्री) और डबल इंजन की सरकार भाजपा की है, तब आरोपियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।