Thursday, March 20, 2025
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राजस्थान न्यूज: भू-जल पर रुपए वसूली बिल विधानसभा में अस्वीकार

राजस्थान न्यूज: प्रदेश में भूजल को नियंत्रित करने वाले भूजल प्रबंधन प्राधिकरण बिल पर सरकार ने एक बार फिर रुख बदल लिया है। 

इस बिल को विधानसभा में बहस के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने प्रवर समिति (सिलेक्ट कमेटी) को भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन में मंजूरी मिल गई।

पिछले साल अगस्त में भी इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा गया था। फरवरी में रिपोर्ट सौंपने का समय बढ़ाया गया, लेकिन अब फिर से संशोधित रिपोर्ट के बाद इसे वापस समिति को भेजा गया है।

भूजल प्रबंधन प्राधिकरण बिल: क्या हैं मुख्य प्रावधान

संशोधित बिल में भूजल संरक्षण और प्रबंधन के लिए राजस्थान भूजल प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान है। इसके तहत पेयजल, घरेलू, सिंचाई, औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए भूजल उपयोग पर बिना अनुमति प्रतिबंध होगा।

सभी मौजूदा और भविष्य के ट्यूबवेल के लिए प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य होगा, हालांकि कृषि प्रयोजन को इस नियम से छूट दी गई है। नियमों का उल्लंघन करने पर 6 महीने तक की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा, ट्यूबवेल खोदने वाली मशीनों और उनके रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी लागू होगी।

प्राधिकरण करेगा भूजल उपयोग का मूल्यांकन और शुल्क निर्धारण

बिल के तहत प्रस्तावित भूजल प्राधिकरण भूजल उपयोग के लिए शुल्क निर्धारण करेगा। यह शुल्क अर्थव्यवस्था, दक्षता और समानता के सिद्धांतों पर आधारित होगा। जरूरत पड़ने पर सरकार की मंजूरी से शुल्क में संशोधन किया जा सकेगा।

प्रावधानों पर उठे सवाल, अफसरशाही हावी होने की आशंका

बिल पर बहस के दौरान विपक्षी विधायकों ने इसके प्रावधानों पर सवाल उठाए। कांग्रेस विधायकों रफीक खान, हाकम अली और हरिमोहन शर्मा ने कहा कि सरकार पानी पर पहरा बैठा रही है, जिससे अफसरशाही को बढ़ावा मिलेगा।

विधायकों ने ट्यूबवेल रजिस्ट्रेशन और मशीनों की निगरानी पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि सरकार के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वह जलदाय विभाग के कनेक्शनों पर मीटर तक लगवा सके।

दंड और नियमों का पालन जरूरी, उल्लंघन पर होगी सख्त सजा

प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। पहली बार उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना और दोबारा उल्लंघन करने पर 6 महीने की सजा या 1 लाख रुपए का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है।

इसके अलावा कोचिंग विधेयक भी विधानसभा में पेश किया जाएगा।

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