डेगाना न्यूज: विधायक अजय सिंह किलक ने विधानसभा में नागौर एसपी नारायण टोगस समेत कई पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक ने कहा कि नागौर एसपी उनके प्रति व्यक्तिगत दुर्भावना रखते हैं।
उन्होंने बताया कि थांवला थाना क्षेत्र में अवैध बजरी खनन का कार्य जोरों पर चल रहा था, जहां प्रति डंपर ₹4,000 से ₹5,000 तक रिश्वत ली जाती थी। जब इस मामले की जानकारी नागौर एसपी नारायण टोगस को दी गई, तो उन्होंने जवाब दिया कि वे स्वयं रिश्वत नहीं लेते।
इस पर विधायक अजय सिंह किलक ने कहा कि “मैं भी क्षेत्र का विधायक हूं और रिश्वत नहीं लेता, लेकिन यहां का SHO लगातार अवैध खनन करवा रहा है और मोटी रकम वसूल रहा है।”
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद SHO को हटाया गया
विधायक ने बताया कि इस संबंध में सहायक वनपाल ने नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में जब उन्होंने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के संज्ञान में लाया, तब जाकर थांवला थाने के SHO को हटा दिया गया।
इसके बाद विधायक को सूचना मिली कि SHO ने हटने के बाद विधानसभा क्षेत्र में 35 बीघा जमीन अन्य लोगों के नाम पर खरीदी है।
SHO के हटाने के बाद भी लीजधारकों को लगातार परेशान किया जा रहा था। एसपी नारायण टोगस और तत्कालीन थानेदार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
आईजी के निर्देश पर थानेदार को नोटिस और पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया
इसके बाद विधायक ने लीजधारकों को सलाह दी कि वे अजमेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश से शिकायत करें। उन्होंने स्वयं भी आईजी से बात कर मामले की जानकारी दी। आईजी ओमप्रकाश के निर्देश पर 18 फरवरी को 4 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया और तत्कालीन थाना अधिकारी सूरजमल को 17 सीसीए का नोटिस जारी किया गया।
थांवला थाना सबसे भ्रष्ट
विधायक अजय सिंह किलक ने आरोप लगाया कि थांवला थाना सबसे भ्रष्ट थाना बन चुका है। उन्होंने कहा कि “अब तक जितने भी थानेदार वहां आए, वे बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करते थे।” उन्होंने मांग की कि ऐसे पुलिसकर्मियों को जल्द हटाया जाए और इस पूरे मामले की जांच SOG से करवाई जाए।
विधायक ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़े तो उनकी भी जांच की जा सकती है।
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