राजस्थान न्यूज: जयपुर में रमजान के आखिरी जुमे पर जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की अपील पर नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।
इस मौके पर कांग्रेस विधायक रफीक खान, अमीन कागजी और वक्फ बोर्ड अध्यक्ष खानू खान बुधवाली भी नमाज में शामिल हुए, जिन्होंने भी हाथ पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। विधायक रफीक खान ने केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन बिल को अनुचित बताते हुए कहा कि यह मुस्लिम समाज को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईद पर मुस्लिम समाज को तोहफे दे रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ वक्फ कानून में बदलाव के जरिए डराया जा रहा है। नमाज में मौजूद लोगों ने भी सरकार के इस कदम को गलत बताते हुए कहा कि वे अपने बुजुर्गों के कहने पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करने आए हैं।
जामा मस्जिद के सचिव जहीरुल्लाह खान ने जानकारी दी कि जुमातुल विदा की नमाज शांति से पूरी हुई और ईद-उल-फितर की नमाज सुबह 7:20 बजे अदा की जाएगी।
वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024
वर्तमान कानून के अनुसार, यदि वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है, तो संपत्ति स्वामी सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल में अपील कर सकता था और ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम होता था। नए विधेयक में इसे बदलकर अब राजस्व न्यायालय, सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में भी अपील की अनुमति दी गई है।
पहले, मस्जिद बनी संपत्ति या इस्लामिक उद्देश्यों के लिए उपयोग हो रही भूमि स्वतः वक्फ संपत्ति मानी जाती थी। नए विधेयक में इसे बदलकर स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी ने संपत्ति दान नहीं की, तो वह वक्फ की नहीं मानी जाएगी।
पहले वक्फ बोर्ड में महिलाओं और अन्य धर्मों के लोगों की सदस्यता नहीं थी। अब इसमें 2 महिलाएं और 2 अन्य धर्मों के सदस्य शामिल किए जाएंगे।
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