राजस्थान न्यूज: सामूहिक आत्महत्या मामले में 15 दिन से शव पड़े होने के कारण घर में तेज दुर्गंध फैल गई थी, जिसके चलते पुलिस अंदर नहीं जा पाई।
आज शुक्रवार को पुलिस सबूत जुटाने के लिए घर में प्रवेश करेगी।
दरअसल, 19 मार्च को बल्लभ गार्डन (बीकानेर) के एक परिवार ने पुलिस को सूचना दी कि उनके पड़ोसी के घर से तेज बदबू आ रही है। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन दरवाजा नहीं खुलने पर उसे तोड़ा गया। अंदर का दृश्य बेहद भयावह था। 50 वर्षीय नितिन खत्री का शव फंदे से लटका हुआ था, जो 15 दिनों में कंकाल में बदल चुका था। पास में उसकी 18 वर्षीय बेटी जेसिका और 45 वर्षीय पत्नी रजनी का शव फर्श पर पड़ा था, जो बुरी तरह सड़ चुके थे। तेज दुर्गंध के कारण कोई भी 5 मिनट से ज्यादा घर में नहीं ठहर सका। पुलिस ने शवों को पीबीएम मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया, लेकिन घर की जांच करना संभव नहीं था। शुक्रवार को पूरे घर को सैनिटाइज करने के बाद जांच शुरू की गई।
फिलहाल, सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस का मानना है कि नितिन ने पहले बेटी जेसिका और पत्नी रजनी को जहर दिया। यह जहर जबरदस्ती दिया गया या दोनों ने स्वेच्छा से खाया, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसके बाद नितिन ने खुद फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नितिन की मौत का कारण फांसी आया है, जबकि पत्नी और बेटी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
पड़ोसियों की राय: नितिन खत्री का परिवार अलग-थलग रहता था
बीकानेर के वल्लभ गार्डन इलाके में आत्महत्या की इस घटना ने पूरे मोहल्ले को हिला दिया है। पड़ोसियों का कहना है कि नितिन का परिवार हमेशा अलग-थलग रहता था और जरूरत पर ही किसी से बातचीत करता था। होली पर भी परिवार का कोई सदस्य बाहर नहीं निकला, जिससे लोग हैरान थे। नितिन दिन में काम पर जाता और देर रात लौटता, पत्नी कॉलोनी में दुकान संभालती और बेटी पढ़ाई में व्यस्त रहती थी।
रहस्यमयी बीमारी का जिक्र
नितिन का अपने भाई से भी खास संपर्क नहीं था, हालांकि वह 15 साल से वल्लभ गार्डन में रह रहा था। आखिरी बार 7 मार्च को उसे पड़ोसी के घर लाइट फिटिंग करते देखा गया था। कुछ दिन पहले एक शादी समारोह में उसने पड़ोसी के सामने अपनी रहस्यमयी बीमारी का जिक्र किया था, लेकिन बाद में बात को मजाक में टाल दिया। इसके बाद से वह किसी से ज्यादा संपर्क में नहीं था।
पिछले 5-7 दिनों से उसका फोन स्विच ऑफ था, लेकिन पड़ोसियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। 8-10 दिन पहले एक पड़ोसी ने उसके कमरे की लाइट और एसी चालू देखे, लेकिन परिवार के स्वभाव को देखते हुए किसी ने शक नहीं किया। जब पुलिस पहुंची, तो घर के सभी गेट खुले थे और एसी लगातार चालू थे। एसी की वजह से शवों से बदबू नहीं फैली और घटना का समय पर पता नहीं चल सका।
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