नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल जयपुर में SI भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। इसी दौरान उन्होंने राजस्थान के इतिहास को लेकर एक टिप्पणी की, जिस पर विवाद गहराता जा रहा है। उनके बयान को बाड़मेर विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने ओछी बात बताया, जबकि भाजपा नेता ज्योति मिर्धा ने इसे एक समाज विशेष पर सीधा आरोप करार दिया।
सांसद हनुमान बेनीवाल की टिप्पणी…
“राजस्थान के इतिहास में लड़ाइयाँ लड़ी नहीं लोगों ने। एक-दो लोगों का नाम होगा, महाराजा सूरजमल और एक-दो लोगों को छोड़ दें, तो अन्य किसी ने लड़ाई नहीं लड़ी। सेटलमेंट हुए हैं। जब मुगलों की सेना आती थी – 70 किलोमीटर पहले ही चले जाते थे, यहाँ मत आना, बेटी लेकर वहीं आ रहे हैं। संबंध स्थापित किए, राज के मजे लिए।”
इस बयान से राजस्थान के योद्धाओं की वीरता और शौर्य पर सवाल उठा, जिस पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी।
बाड़मेर विधायक रविंद्र सिंह भाटी…
“राजस्थान वीरों और शूरवीरों की धरती है। रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था कि इस धरती पर जब पैर रखता हूँ, तो काँपने लगता हूँ कि कहीं नीचे कोई समाधि या सती का थान न आ जाए।’
ऐसी बातों पर उन्हें एक बार विचार करना चाहिए। हर किसी का राजनीति करने का तरीका होता है, लेकिन ऐसी ओछी बात करना सही नहीं। ऐसी बयानबाजी के लिए जनता चमत्कार दिखा चुकी है और आने वाले समय में भी दिखाएगी।”
भाजपा नेता ज्योति मिर्धा…
“जो कहा गया, वह मुझे नहीं लगता कि राजाओं के लिए कहा गया। यह एक जाति विशेष पर आरोप है। चुनाव हारने के बाद उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। इसके बाद उन्होंने कई विवादित बयान दिए हैं।”
राजपूत कम्युनिटी जनरल सेक्रेटरी के.वी. सिंह…
“राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है नागौर। इसका प्रतिनिधित्व करने वाला व्यक्ति जब ऐसी बात करता है, तो यह बहुत खेदजनक और दुखद है। 12-13 सौ सालों से राजा, राजपूत और सभी समाजों के मजबूत लोगों ने अपनी मिट्टी, धर्म, गाय, मर्यादा और सर्व समाज के लिए निरंतर संघर्ष किया है।
अगर उन योद्धाओं के योगदान को इतिहास से हटा दें, तो राजस्थान का सामाजिक और भौगोलिक तानाबाना छिन्न-भिन्न हो चुका होता। हनुमान बेनीवाल की यह टिप्पणी बहुत ही निंदनीय है।”
घर में घुसकर जवाब देंगे… क्षत्रिय करणी सेना
क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत…
“हमारे पूर्वजों और क्षत्राणियों पर एक बार फिर टिप्पणी की गई, वह भी एक जननायक, सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा। हनुमान बेनीवाल जो आरएलपी पार्टी का संस्थापक है, क्या ऐसे व्यक्ति को सत्ता में रहने का अधिकार है, जो ऐसी अभद्र टिप्पणियाँ करता हो? ऐसे लोगों को सबक सिखाना अति आवश्यक है, और यह सबक आक्रामक होना चाहिए ताकि घटनाएँ दोबारा न हों।
क्षत्रिय करणी सेना की कार्यशैली है घर में घुसकर जवाब देने की। उसी तर्ज पर हनुमान बेनीवाल को भी जवाब दिया जाएगा, नागौर में ही दिया जाएगा। आजकल में ही तारीख और समय की घोषणा होगी, क्योंकि यह अब बर्दाश्त के बाहर है।”
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