राजस्थान न्यूज: जयपुर नगर निगम हेरिटेज में एक चौंकाने वाली गलती सामने आई है। महज 12 हजार रुपए के बकाया भुगतान की जगह एक सफाई कर्मचारी के नाम 53 करोड़ रुपए की राशि का बिल बना दिया गया।
यह फाइल भुगतान के अंतिम चरण तक पहुंच गई थी, लेकिन राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इसे समय रहते रोककर बड़ी वित्तीय चूक को टाल दिया। अब इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
अब जानिए पूरा मामला…
यह मामला नगर निगम हेरिटेज के किशनपोल जोन से जुड़ा है, जहां सफाईकर्मी ओमप्रकाश गुर्जर को फरवरी 2021 का एरियर दिया जाना था। वास्तविक भुगतान 12,812 रुपए का था, लेकिन गलती से 53 करोड़ 11 हजार 912 रुपए की राशि मंजूर कर दी गई।
यह बिल कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा तैयार किया गया और निगम के ओसवाल डाटा सेंटर में अपलोड कर पक्का किया गया। एडिशनल कमिश्नर के निर्देश पर आगे की प्रोसेसिंग हुई और फिर बाबू, अकाउंटेंट और डिप्टी कमिश्नर स्तर से होते हुए कैश सेक्शन तक फाइल पहुंची। हर स्तर पर बिल को जांचा गया, लेकिन कहीं भी गलती नहीं पकड़ी गई।
अंत में यह बिल ट्रेजरी पास होकर वित्त विभाग में भेजा गया, जहां अधिकारियों ने इस भारी चूक को पकड़ा।
फाइनेंस डिपार्टमेंट ने तुरंत इस फाइल को रोकते हुए नगर निगम को जांच के निर्देश दिए हैं।
कार्रवाई से डरे जिम्मेदार अधिकारी
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग तेज होने के बाद निगम में दोषियों ने अपनी गलती पर पर्दा डालने की कोशिश शुरू कर दी। किसी ने इसे टाइपिंग मिस्टेक बताया, तो किसी ने कहा कि कार्यप्रणाली में बदलाव की जरूरत है। वहीं कुछ अधिकारियों ने तो पूरे मामले से अनभिज्ञ होने का दावा कर खुद को जिम्मेदारी से अलग करने की कोशिश की।
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