राजस्थान न्यूज: जयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक ऐसे अधिकारी का पर्दाफाश किया है, जो योजनाबद्ध तरीके से अपने ही विभाग के कर्मचारियों से अवैध रुपयों की वसूली कर रहा था।
आरोपी पहले कर्मचारियों को अनुपस्थित दिखाकर कारण बताओ नोटिस जारी करता, फिर उनकी सैलरी रोक कर उन्हें मानसिक रूप से तब तक प्रताड़ित करता जब तक वे उसे अपनी मेहनत की कमाई का हिस्सा न दे दें।
कौन है इस अवैध वसूली का मास्टरमाइंड…?
सीकर के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक दीपक अग्रवाल को आज शनिवार कल्याण कॉलेज के सामने स्थित सुख सागर अपार्टमेंट की पार्किंग में ₹25,000 की रिश्वत लेते हुए जयपुर से आई एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
बता दें कि आरोपी दीपक के खिलाफ विभाग के ही एक कर्मचारी ने ACB को शिकायत दी थी। शिकायत में बताया गया था कि दीपक ने उससे पांच महीने की बंधी के नाम पर ₹50,000 की मांग की थी।
इस शिकायत के आधार पर ACB ने आज जाल बिछाकर संयुक्त निदेशक दीपक अग्रवाल को पकड़ लिया। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है।
प्रारंभिक जांच में हुए कुछ खुलासे…
दीपक अग्रवाल के खिलाफ आरोप है कि उसने करीब 100 से अधिक कर्मचारियों से अवैध वसूली की है। साथ ही अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर 25 से ज्यादा कर्मचारियों का सीमावर्ती इलाकों में ट्रांसफर भी कर दिया। यह भी कहा जा रहा है कि पशुपालन विभाग में संयुक्त निदेशक का पद भी उसने राजनीतिक रसूख के दम पर हासिल किया था। साल 2024 में वह धोद में वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत था।
दीपक का प्लान –कर्मचारियों की सैलरी रोको, उन्हें ट्रांसफर की धमकी दो, फिर मोटी रकम वसूलो सैलरी जारी करने के नाम पर।
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