राजस्थान न्यूज: जिले के सरकारी अस्पताल में शुक्रवार को एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
मृतका के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि ऑपरेशन से पहले उसे एक के बाद एक दो बेहोशी के इंजेक्शन दिए गए, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई।
अस्पताल प्रशासन ने महिला को गंभीर बताकर पाली रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि महिला की मौत एक घंटे पहले ही हो चुकी थी।
दरअसल, साथू गांव निवासी 20 वर्षीय खुशबू पत्नी जितेन्द्र सरगरा को शुक्रवार दोपहर को जालोर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (MCH) में भर्ती कराया गया था। खुशबू की पहली डिलीवरी थी और उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद परिजन उसे दोपहर अस्पताल लेकर पहुंचे।
ड्यूटी पर तैनात महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. कमला भारती ने प्रारंभिक जांच के बाद बताया कि स्थिति सामान्य है और शाम तक नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। शाम तक डॉक्टर स्थिति सामान्य बताती रही।
हालांकि देर शाम डॉक्टर ने ऑपरेशन की जरूरत बताई, जिस पर परिवार ने सहमति दे दी। रात करीब 8 बजे खुशबू को ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बेहोशी के लिए दो इंजेक्शन लगाए, जिससे उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
परिजन दावा करते हैं कि खुशबू की मौत ऑपरेशन थिएटर में ही हो गई थी, लेकिन डॉक्टर ने इसकी जानकारी नहीं दी और रात करीब 9 बजे उसे पाली रेफर कर दिया। जब परिजनों ने सवाल किया कि महिला हिल-डुल क्यों नहीं रही, तो डॉक्टर ने जवाब दिया कि इंजेक्शन के असर से ऐसा हो रहा है।
रास्ते में खुला मौत का राज
रात करीब 9:30 बजे परिजन खुशबू को लेकर एंबुलेंस से पाली के लिए रवाना हुए। रास्ते में एंबुलेंस ड्राइवर को एक फोन आया, जिसके बाद वह आहोर स्थित एक निजी अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि महिला की मौत एक घंटे पहले ही हो चुकी थी।
रात करीब 11:30 बजे परिजन वापस जालोर अस्पताल पहुंचे और शव को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने इलाज में लापरवाही और जानबूझकर झूठ बोलने के आरोप में डॉ. कमला भारती के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। रातभर अस्पताल परिसर में प्रदर्शन चला। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को मॉर्च्यूरी में रखवाया।
शनिवार सुबह परिजन कलक्ट्रेट पहुंचे और विरोध जताते हुए कार्रवाई की मांग की।
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