राजस्थान न्यूज: कोटा के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में तीन महीने पहले हुई एक MBBS छात्र की रहस्यमय मौत ने एक बार फिर सवालों के घेरे में कॉलेज प्रशासन को ला खड़ा किया है।
मृतक छात्र के परिजनों की शिकायत पर अब पुलिस ने कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना, हॉस्टल वार्डन और दो छात्रों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।
दरअसल, घटना 5 मार्च की रात की है, जब कोटा मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल UG-3 टीम के कमरे नंबर 105 में MBBS तृतीय वर्ष के 28 वर्षीय छात्र सुनील बैरवा का शव पंखे से लटका मिला था। वह जयपुर के पास बस्सी तहसील के रामजीपुरा गांव का निवासी था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला गया।
मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें लिखा था कि “सॉरी, मैं माता-पिता का सपना पूरा नहीं कर पा रहा।” शुरू में मामला आत्महत्या का माना गया, लेकिन परिजनों ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
सुनील बैरवा के पिता काजोड़मल बैरवा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि…
उनके बेटे को जानबूझकर परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया। सुनील ने सेकंड ईयर पास कर लिया था, लेकिन थर्ड ईयर में नकल के आरोप में उसकी दो परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। इसके बाद वह मानसिक तनाव में आ गया और करीब डेढ़ साल से कॉलेज से दूर था। जब उसने दोबारा परीक्षा देने की कोशिश की, तो कॉलेज प्रशासन ने उसे अपमानित किया और दबाव बनाया, जिससे उसकी मानसिक स्थिति और बिगड़ गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल – पिता का कहना है कि बेटे की मौत को आत्महत्या बताया गया, लेकिन परिस्थितियां अलग कहानी कहती हैं। घटनास्थल पर सुनील के कपड़े खून से सने थे और चेहरे पर चोट के निशान थे, जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं दिखाए गए।
उनका कहना है कि घटना के समय वे सदमे में थे, इसलिए पोस्टमार्टम करवा दिया, लेकिन बाद में वीडियो और तस्वीरों में साफ नजर आया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या का मामला है।
उपमुख्यमंत्री से मिले- छात्र के पिता कजोड़मल बैरवा उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और विधायक से मिले और मामले की जांच की मांग की।
इसके बाद परिजनों ने एससी-एसटी आयोग और मानवाधिकार आयोग में शिकायत की। आयोगों के निर्देश पर पुलिस ने आखिरकार जांच शुरू की।
लगभग तीन महीने बाद, 5 जून को महावीर नगर थाने में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार लोगों के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया है। आरोपी बनाए गए हैं – कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना, हॉस्टल वार्डन, और दो छात्र आदर्श फौजदार व संदीप।
सीआई रमेश कविया ने बताया कि परिजनों की शिकायत व शुरुआती जांच के आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। अब मामले की जांच गहराई से की जाएगी और दोषी पाए जाने पर आगे की कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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