राजस्थान न्यूज: अलवर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए तीन इंजीनियर युवकों को गिरफ्तार किया है।
ये तीनों दोस्त मिलकर पिछले दो साल से क्रिकेट सट्टा ऑनलाइन चला रहे थे। इन्होंने अब तक 30 से ज्यादा वेबसाइट बनाई थीं, जिनके जरिए करीब 60 हजार लोगों को जोड़ा गया और लगभग 150 करोड़ रुपए का सट्टा लगाया गया।
सट्टेबाजी में वर्चुअल करेंसी और हवाला का इस्तेमाल होता था। इस गिरोह की जड़ें देश के बाहर तक फैली पाई गई हैं।
दरअसल, पुलिस जांच में सामने आया कि ये तीनों आरोपी महेश शर्मा निवासी अपना घर शालीमार जी-913, नितिन पालीवाल निवासी स्कीम-10 अलवर, और पीयूष शर्मा निवासी शिवाजी पार्क, अलवर बीटेक पासआउट हैं और मिलकर एक साल से अलवर में डग आउट नाम का स्पोर्ट्स क्लब भी चला रहे थे।
आरोपियों ने 30 से अधिक वेबसाइट बनाकर क्रिकेट सट्टे का ऑनलाइन नेटवर्क खड़ा किया था। वेबसाइट्स पर करीब 60,000 यूजर जुड़े हुए थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि सट्टे के लिए वर्चुअल करेंसी का उपयोग किया जा रहा था जबकि लेन-देन हवाला के माध्यम से किया जाता था, जिसमें दुबई तक कनेक्शन मिले हैं।
सट्टे से कमाए पैसों से इन लोगों ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में कई जगह प्रॉपर्टी खरीदी थी। MIA (मत्स्य इंडस्ट्रियल एरिया) और अपना घर शालीमार में भी इनकी संपत्तियां सामने आई हैं, जिनकी जांच चल रही है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) तेजपाल सिंह ने बताया कि सबसे पहले रविवार को नितिन पालीवाल को आगरा से अलवर आते समय नाकाबंदी में पकड़ा गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में दो अन्य साथियों के नाम सामने आए।
इसके बाद सोमवार को महेश शर्मा और पीयूष शर्मा को गिरफ्तार किया गया। मामले की सूचना MIA थाना प्रभारी अजीत बड़सरा और साइबर सेल के हेड कॉन्स्टेबल संदीप को मिली थी, जिन्होंने इनपुट के आधार पर कार्रवाई की।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड जब्त किए हैं। तीनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर 6 दिन के रिमांड पर लिया गया है, ताकि पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच की जा सके।
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