कोटा में वन्य जीवों की अंगों की तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने दो तस्करों को गिरफ्तार कर बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित वन्य जीव अंग बरामद किए हैं।
पकड़े गए आरोपियों के पास से मॉनिटर लिजर्ड (गोह) के 28 मेल प्राइवेट पार्ट, जिंदा कछुए, बारहसिंगा के सींग, लेपर्ड का नाखून और शिकार में इस्तेमाल होने वाले फंदे बरामद किए गए हैं। यह कार्रवाई कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के बालिता गांव में की गई।
खरीदार बनकर की गई थी कार्रवाई-
डीएफओ अनुराग भटनागर ने बताया कि वन विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि बालिता गांव की झुग्गियों में वन्य जीवों के अंगों की खरीद-फरोख्त हो रही है। इस पर टीम ने योजना बनाकर खरीदार बनकर सौदेबाजी की।
एक टीम सदस्य को खरीदार बनाकर भेजा गया, जिसने मॉनिटर लिजर्ड का मेल प्राइवेट पार्ट 400 रुपए में खरीदा। जब 50 और पार्ट खरीदने की बात की गई तो आरोपियों ने 45 हजार की मांग कर डाली।
छापेमारी में बड़ा खुलासा-
इस दौरान जैसे ही सौदे की पुष्टि हुई, टीम ने तुरंत छापा मारा। मौके से 28 जोड़ी मॉनिटर लिजर्ड के प्राइवेट पार्ट बरामद हुए। पास की एक झोपड़ी से 6 शिकार के फंदे और 2 जिंदा कछुए भी मिले। दो आरोपियों – दीपक और जयराम को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कॉल पर 50 हजार की डील, लेकिन साथी फरार-
पूछताछ के दौरान आरोपियों के मोबाइल से उनके अन्य साथियों को कॉल कर खरीदार बनकर बात करवाई गई। आरोपियों ने 50 हजार रुपए में सौदे की बात की और केशोरायपाटन चौराहे पर बुलाया, लेकिन काफी देर इंतजार के बावजूद उनके साथी वहां नहीं पहुंचे।
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