दौसा में जबरन धर्म परिवर्तन का गंभीर मामला सामने आया है, जिससे इलाके में तनाव और आक्रोश का माहौल बन गया है। आरोप है कि जिले के गणेशपुरा रोड स्थित आगये फेलोशिप चर्च में 29 जून को पादरियों द्वारा करीब 100 से 110 हिंदुओं को बाइबल पढ़ाकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश की गई। यह जानकारी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से कोतवाली थाने को दी गई, जहां एफआईआर दर्ज कराने के लिए लिखित आवेदन भी दिया गया है।
चर्च में हुई झड़प, मारपीट का आरोप-
बताया जा रहा है कि जब कुछ लोगों ने धर्म परिवर्तन की इस गतिविधि को रोकने की कोशिश की और चर्च के अंदर गए, तो वहां मौजूद पादरियों और अन्य लोगों ने न केवल विरोध किया बल्कि मारपीट भी की। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस घटना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
300-400 परिवारों का धर्म परिवर्तन का दावा-
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने आरोप लगाया है कि यह धर्मांतरण अभियान कोई नया मामला नहीं है। उनका दावा है कि पिछले 10-15 वर्षों में केरल के पादरी थॉमस जॉर्जी, गिरिजेश वर्मा, एली और सरकारी कर्मचारी जीनू वर्मा जैसे लोगों ने मिलकर अब तक लगभग 300 से 400 परिवारों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया है।
सरकारी कर्मचारी भी जांच के घेरे में-
गौरतलब है कि इस मामले में नामजद गिरिजेश वर्मा और उनकी बहन जीनू वर्मा राजस्थान सरकार में क्रमशः एएओ और बीडीओ के पद पर कार्यरत हैं। सरकारी सेवा में रहते हुए धर्मांतरण जैसे गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। प्रशासन ने इस पहलू को भी जांच में शामिल किया है।
पुलिस ने शुरू की जांच, होगी पूछताछ-
दौसा के डिप्टी एसपी रविप्रकाश शर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की जाएगी और हर पहलू की गहन जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस मामले में जुटी हुई है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। प्रशासन द्वारा निष्पक्ष जांच और उचित कानूनी कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।
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