प्रेमानंद महाराज के दरबार में एक शख्स ने कहा कि आजकल शराब, सिगरेट या अन्य मादक पदार्थ नहीं मिलने पर बच्चे ऐसे नशे का उपयोग करते हैं जो घर में ही पाया जाता है।
यह सुनकर महाराज खुद आश्चर्य में पड़ गए। शख्स ने बताया कि आजकल बच्चे घर में ही पेट्रोल, थिनर और नहीं तो वाइटनर का भी नशा करने लगे हैं। परिजनों को इसका बिल्कुल भी आभास नहीं होता कि उनके बच्चे इतने शांत क्यों रहते हैं – दरअसल वे नशे में होते हैं।
ऐसा नशा जो घर में भी मिल जाए – जो शख्स ने बताई वे चीजें हर घर में होती हैं, जैसे बाइक में डालने वाला पेट्रोल, स्टेशनरी शॉप से मिलने वाला वाइटनर आदि बच्चों को मिल जाते हैं। कुछ बच्चे इनकी सुगंध के इतने लती हो जाते हैं कि उन्हें होश ही नहीं रहता और वे इन चीजों के आदी बन जाते हैं। इधर माता-पिता भी अभी इन चीजों के बारे में उतना नहीं जानते कि ये भी बच्चों के लिए खतरा हो सकती हैं।
ऐसे में प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि माता-पिता को बच्चों को समय देना चाहिए, उनसे एक दोस्त की तरह मित्रवत बात करनी चाहिए, जिससे बच्चे खुलकर अपनी बात कह सकें। माता-पिता उनकी कमियों को पहचानें और उन्हें दूर करें। अगर वे असमर्थ हों तो नशा मुक्ति अभियान केंद्र हैं, वहाँ ले जाएँ, औषधियों का सेवन और नियम पालन कराएं जिससे बच्चा नशामुक्त बने। बेविचार से दूर रहें तो समाज में सब देवता स्वरूप बन जाएं।