राजस्थान न्यूज: जयपुर जिले के चौमूं कस्बे में एक भावनात्मक और प्रेरणादायक कहानी सामने आई है जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक थाना प्रभारी की धार्मिक आस्था और प्रण ने पूरे गांव को एकजुट कर दिया। आमतौर पर कानून-व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों को सख्त छवि के तौर पर देखा जाता है लेकिन यहां इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा की पहल ने उन्हें जनमानस का प्रिय बना दिया।
मन्नत से मंदिर तक का सफर
चौमूं थाने के प्रभारी प्रदीप शर्मा ने सार्वजनिक रूप से एक मन्नत ली थी कि जब तक कस्बे के प्राचीन श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ रुपये एकत्र नहीं हो जाते, तब तक वे अपना पसंदीदा फल आम नहीं खाएंगे। उनका यह प्रण सुनकर लोगों में मंदिर निर्माण के प्रति और उत्साह जागा।
स्थानीय समाज और श्रद्धालुओं ने इस पहल को न केवल सराहा बल्कि दो ही दिनों में सवा करोड़ रुपये एकत्र कर दिए। इसके साथ ही मंदिर के जीर्णोद्धार की नींव रख दी गई और थाना प्रभारी को आम खिलाकर उनके व्रत की पूर्णता का उत्सव मनाया गया।
समाज की एकता और आस्था का प्रतीक बना मंदिर अभियान
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गांववासी थाना प्रभारी को आम खिला रहे हैं। यह दृश्य न केवल भावुक करने वाला है, बल्कि यह बताता है कि जब आस्था और नेतृत्व एक साथ आते हैं, तो समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है।
मंदिर जीर्णोद्धार अभियान के लिए सर्व समाज की बैठक में एक समिति का गठन किया गया है जिसमें थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा को संरक्षक की भूमिका दी गई है। यह पहल चौमूं क्षेत्र में सामाजिक समरसता, सहयोग और धार्मिक चेतना का प्रतीक बन गई है।
स्थानीय नागरिकों और समाज के सभी वर्गों ने इस पहल का स्वागत किया है और आशा जताई है कि श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर का कार्य जल्द शुरू होगा। चौमूं का यह प्रसंग न केवल प्रशासनिक दायित्व का उदाहरण है, बल्कि यह दिखाता है कि जब अधिकारी संवेदनशीलता और सेवा भावना से काम करें तो वे समाज को नई दिशा दे सकते हैं।
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