अलवर ज़िले के लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र के बेरला गांव में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। करंट से झुलसी भैंस को बचाने गई किशोरी और फिर उसे बचाने दौड़े पिता दोनों करंट की चपेट में आ गए। इलाज के दौरान पिता की मौत हो गई, जबकि बेटी का इलाज चल रहा है।
इस हादसे के बाद गांव में शोक और ग़ुस्से का माहौल है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
बेटी को बचाते हुए पिता भी झुलसे
रविवार रात गांव में लगे ट्रांसफॉर्मर (डीपी) से निकले ढीले तारों में करंट दौड़ रहा था। टंकी के पास गई एक भैंस अचानक करंट की चपेट में आ गई और छटपटाने लगी। यह देख 16 वर्षीय शिवानी उसे बचाने दौड़ी और बेल पकड़ते ही खुद भी झटके से गिर पड़ी।
तभी घायल भैंस उस पर गिर गई और शिवानी ज़ोर से चिल्लाई। बेटी की चीख सुनकर पिता कप्तान सिंह राजपूत दौड़कर मौके पर पहुंचे और उसे छुड़ाने की कोशिश में वे भी करंट की चपेट में आ गए। दोनों को पहले लक्ष्मणगढ़ अस्पताल और फिर जिला अस्पताल अलवर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान कप्तान सिंह की मौत हो गई।
इलाज के दौरान पिता की मौत, बेटी का इलाज जारी
शिवानी की हालत नाज़ुक बनी हुई है। वहीं करंट से झुलसी भैंस की भी मौत हो गई। परिजनों और ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि गांव की डीपी से बिजली के तार लंबे समय से नीचे लटक रहे हैं और कई बार इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बिजली विभाग के खिलाफ कार्रवाई और उचित मुआवज़े की मांग की है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
कप्तान सिंह जोधपुर में टाइल्स लगाने का काम करते थे। वे कुछ दिन पहले ही 6 जुलाई को अपनी भांजी की शादी में शामिल होने गांव आए थे। हादसा अगले दिन 7 जुलाई की रात को हुआ। कप्तान सिंह अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं। घायल बेटी नवीं कक्षा में पढ़ती है।
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