चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन के बाहर सोमवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब दो साधु आपस में भिड़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, साधुओं के बीच पहले बहस हुई, जो कुछ ही देर में मारपीट में बदल गई। इस झगड़े में एक साधु घायल हो गया और गुस्से में आकर सड़क पर लेट गया।
सड़क पर लेटकर किया विरोध, जाम की स्थिति बनी-
घायल साधु सड़क से हटने को तैयार नहीं हुआ। उसने न तो उठने की कोशिश की और न ही इलाज के लिए हॉस्पिटल जाने को तैयार हुआ। उसके साथ मौजूद अन्य साधुओं ने भी हंगामा शुरू कर दिया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई और सड़क पर लंबा जाम लग गया।
पुलिस मौके पर पहुंची, किया हल्का बल प्रयोग-
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सदर थाना पुलिस को सूचना दी गई। एएसआई बिंदु सिंह और कुंदन सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हालात को संभालने की कोशिश की। घायल साधु को समझाने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो पुलिस को अन्य साधुओं पर हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद साधु को एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल भेजा गया।
ट्रैफिक हुआ बाधित, शहर की प्रमुख सड़क पर लगी वाहनों की कतारें-
इस घटना की वजह से चित्तौड़गढ़ की एक प्रमुख सड़क पर यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गया। स्टेशन क्षेत्र में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रैफिक को नियंत्रित किया और धीरे-धीरे स्थिति सामान्य की।
झगड़े की वजह अभी तक साफ नहीं-
झगड़े की असली वजह अभी तक सामने नहीं आई है। चश्मदीदों का कहना है कि दोनों साधु अचानक ही आपस में उलझ पड़े थे। ऐसा माना जा रहा है कि वे बाहर से आए थे या स्टेशन के पास ही अस्थायी रूप से डेरा डाले हुए थे। किसी भी पक्ष ने पुलिस में अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।
स्थिति सामान्य, लेकिन राहगीरों को झेलनी पड़ी परेशानी-
हंगामे और जाम की स्थिति ने कुछ देर तक यात्रियों और आम नागरिकों को खासी परेशानी में डाल दिया। फिलहाल हालात सामान्य हैं, लेकिन यह घटना कुछ समय के लिए क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही।
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