जालोर में कथावाचक अभयदास महाराज को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। गुरुवार दोपहर उस वक्त माहौल तनावपूर्ण हो गया जब अभयदास महाराज के समर्थकों ने राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का रास्ता रोक लिया।
महिलाओं ने कलेक्ट्रेट के सामने सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिससे हालात बेकाबू हो गए। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा, जिसमें कुछ महिलाओं की तबीयत भी बिगड़ गई।
क्या है पूरा मामला?
पाली जिले के तखतगढ़ धाम से जुड़े अभयदास महाराज 11 जुलाई से जालोर के भगतसिंह स्टेडियम में श्रावण मासीय कथा कर रहे थे। लेकिन कथित रूप से बायोसा मंदिर में जुलूस के दौरान जबरन दर्शन और पुलिस से टकराव के चलते माहौल बिगड़ गया।
इसके बाद महाराज ने कालका कॉलोनी में एक मकान की छत पर अनशन शुरू कर दिया। 20 जुलाई को मंत्री जोगाराम पटेल ने हस्तक्षेप कर उनका अनशन तुड़वाया और उन्हें तखतगढ़ रवाना किया।
समर्थकों की मांग-
महाराज के समर्थक और बड़ी संख्या में महिलाएं लगातार जिला प्रशासन से उन्हें दोबारा कथा की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं।
बुधवार रात 10 बजे तक समर्थकों ने कलेक्ट्रेट के सामने डटे रहकर प्रदर्शन किया। कलेक्टर प्रदीप के.गवांडे ने आश्वासन दिया कि कथा स्थल का निरीक्षण कर गुरुवार शाम तक निर्णय लिया जाएगा।
गुरुवार को फिर प्रदर्शन, राज्यपाल का रूट बदला-
गुरुवार दोपहर जैसे ही सूचना मिली कि राज्यपाल कलेक्ट्रेट आने वाले हैं, महिलाएं और समर्थक दोबारा जमा हो गए और रास्ता जाम कर दिया। पुलिस ने जब उन्हें हटाने की कोशिश की तो पानी की बोतलें फेंकी गईं और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश हुई।
हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। प्रदर्शन के चलते राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का कलेक्ट्रेट जाने वाला रूट बदलकर शांतिपुरा रोड बाइपास से होते हुए सर्किट हाउस किया गया।
राज्यपाल पहले सर्किट हाउस पहुंचे, फिर दोपहर 3.30 बजे कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में शामिल हुए। हालांकि, प्रदर्शनकारी कथा स्थल का निरीक्षण कर अभयदास महाराज को कथा की अनुमति देने की मांग पर अड़े हुए हैं।
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