Friday, July 25, 2025
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मेड़ता के एक निजी स्कूल में यूरिया रिफिलिंग का भंडाफोड़, इंडस्ट्री के लिए हो रही थी सप्लाई, बड़ा स्टॉक जब्त

मेड़ता (नागौर)। जिले के मेड़ता उपखंड में कृषि और औद्योगिक उपयोग के लिए यूरिया के दुरुपयोग का एक गंभीर मामला सामने आया है। रेण कस्बे के पास एक निजी स्कूल की आड़ में कृषि ग्रेड यूरिया को इंडस्ट्रियल ग्रेड के बैग्स में भरकर सप्लाई किया जा रहा था।

यह कार्रवाई horticulture विभाग और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने अंजाम दी, जो बुधवार शाम से गुरुवार तड़के तक करीब 11 घंटे चली।

स्कूल बना था अवैध रिफिलिंग का अड्डा

रेण स्थित देवला-सिरासना रोड पर संचालित श्रीदादूदयाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में यह पूरा रैकेट चल रहा था। स्कूल परिसर में खुलेआम यूरिया की पैकिंग और रिफिलिंग का काम किया जा रहा था।

अवैध रूप से कृषि ग्रेड यूरिया को महंगे इंडस्ट्रीयल ग्रेड बैग्स में भरकर आगे सप्लाई किया जा रहा था, जिससे नियमों की गंभीर अवहेलना हो रही थी। सूत्रों के अनुसार, यह यूरिया विभिन्न इंडस्ट्रीज़ में उपयोग के लिए भेजा जाना था।

अधिकारियों ने मारा छापा, मिला बड़ा स्टॉक

जानकारी मिलते ही उद्यानिकी विभाग नागौर के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मोहन दादरवाल के नेतृत्व में, सहायक निदेशक (विस्तार) रामप्रकाश बेड़ा, कृषि अधिकारी सीताराम रियाड़ व ओमप्रकाश गुर्जर और रेण पुलिस चौकी की मदद से संयुक्त कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान मौके से 12,500 कट्टे कृषि ग्रेड यूरिया और 600 खाली बैग्स इंडस्ट्रियल ग्रेड यूरिया के, 20 भरे हुए यूरिया कट्टे तथा 198 नाइट्रोबेजिन की बोतलें बरामद की गईं।

11 घंटे चला ऑपरेशन, सैंपल भेजे जांच को

यह कार्रवाई बुधवार शाम 6 बजे शुरू हुई जो गुरुवार सुबह 4 बजे तक चली। टीम ने मौके से यूरिया और केमिकल के सैंपल भी जब्त कर लैब जांच के लिए भेज दिए हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह अवैध रिफिलिंग लंबे समय से चल रही थी। स्कूल संचालक केआर गोदारा के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

कृषि और इंडस्ट्री ग्रेड यूरिया में भारी मूल्य अंतर

जानकारों के अनुसार, इंडस्ट्रियल ग्रेड यूरिया का एक कट्टा जहां बाज़ार में करीब ₹1500 में बिकता है, वहीं कृषि ग्रेड यूरिया सरकार की सब्सिडी योजना के तहत केवल ₹267 प्रति कट्टा किसानों को मिलता है।

इसी मूल्य अंतर का फायदा उठाकर यह धोखाधड़ी की जा रही थी। कृषि उपयोग के लिए सब्सिडी वाला यूरिया गलत ढंग से इंडस्ट्रियल इस्तेमाल में लाया जा रहा था, जो नियम विरुद्ध और जनहित के खिलाफ है।

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