राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कई फैसलों की समीक्षा जारी है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने चार शहरों – केकड़ी, सांचौर, नीम का थाना और शाहपुरा का दर्जा घटा दिया है। इन्हें नगर परिषद से फिर से नगर पालिका बना दिया गया है।
गहलोत सरकार ने दिया था नगर परिषद का दर्जा
दरअसल, अशोक गहलोत सरकार ने 19 नए जिलों की घोषणा के साथ इन चारों स्थानों को जिला मुख्यालय बनाने के उद्देश्य से नगर परिषद का दर्जा दिया था। इससे शहरी विकास, सड़कों, जल निकासी, सफाई, स्ट्रीट लाइट और अन्य नगरीय सुविधाओं को जिला स्तर के अनुरूप सुदृढ़ किया जाना था।
बीजेपी सरकार की समीक्षा में बदला फैसला
इसके लिए अतिरिक्त पद सृजित किए गए और बजट में भी विशेष प्रावधान किए गए थे। लेकिन सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार ने उच्च स्तरीय समिति गठित कर 19 में से केवल 11 जिलों को ही अस्तित्व में बनाए रखने का फैसला लिया।
शेष 8 प्रस्तावित जिलों को समाप्त कर दिया गया, जिनमें केकड़ी, सांचौर, नीम का थाना और शाहपुरा भी शामिल थे। अब इनका जिला दर्जा खत्म होने के बाद नगर परिषद की वैधानिकता भी समाप्त मानी गई। स्वायत्त शासन विभाग ने
नई अधिसूचना जारी कर केकड़ी और सांचौर को द्वितीय श्रेणी व नीम का थाना और शाहपुरा को तृतीय श्रेणी की नगर पालिका घोषित किया है। सरकार का कहना है कि यह निर्णय प्रशासनिक संतुलन और भार नियंत्रण की दृष्टि से जरूरी था।
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