राजस्थान न्यूज़: इन दिनों एक राजस्थानी लोकगीत ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। “बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवाओ…” नामक यह गीत लोगों की जुबान पर चढ़ चुका है। खास बात यह है कि यह गाना सिर्फ मनोरंजन नहीं, क्षेत्रीय संस्कृति, व्यंग्य और पारिवारिक रिश्तों को अनोखे अंदाज में बयां करता है। लेकिन जैसे-जैसे यह गाना वायरल हुआ। इसके असली गायक और लेखक को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया।
क्या है इस गाने की कहानी?
यह गाना देवरानी और जेठानी के बीच के हास्य-व्यंग्य संवाद पर आधारित है। देवरानी, जो अपने पति के विदेश (इराक) में कमाने और पैसे भेजने पर फूली नहीं समा रही, अपनी जेठानी को चिढ़ाते हुए कहती है कि उसने बच्चों सहित बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवा लिया है।
वह 10 लाख के ड्राफ्ट, महंगे कपड़े, खिलौने, गांजे और शराब तक का उल्लेख करते हुए अपने पति की कमाई और रुतबे का बखान करती है। गीत में आखिरी पंक्तियां बताती हैं कि उसका पति बीए और एमए पास करके अब इराक में एक बड़ी नौकरी कर रहा है।
गीत के पीछे की असली आवाज कौन?
इस गाने को लेकर जबरदस्त भ्रम की स्थिति बन गई है। शुरुआत में इसे कई यूट्यूब सिंगर्स ने अपने नाम से अपलोड किया, लेकिन असली गायक कौन है। यह सवाल बार-बार उठता रहा। असल में इस गाने को सबसे पहले लिखा और गाया था लीलाराम गुर्जर बांकोटी ने। जो कोटपुतली क्षेत्र के निवासी हैं। उन्होंने 23 दिसंबर 2020 को अपने यूट्यूब चैनल पर यह गाना पोस्ट किया था, लेकिन उस समय यह ज्यादा नहीं चला।
इसके बाद बलवीर सैनी, जो झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ तहसील के चिराना गांव के रहने वाले हैं और बिजली विभाग में नौकरी करते हैं। उन्होंने 2 मार्च 2025 को होली के अवसर पर चंग की थाप पर इस गीत को गाया। 4 मार्च को उन्होंने इसे अपने यूट्यूब चैनल और फेसबुक पर डाला और यहीं से यह गाना सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया।
विवाद और क्रेडिट की जंग
जैसे-जैसे गाना वायरल हुआ, विभिन्न लोक कलाकारों ने इसमें बदलाव करके इसे अपने नाम से अपलोड करना शुरू कर दिया। खासकर लोकगायक केबी नारेड़ी सिंगर ने इस गीत को स्टूडियो वर्जन में गाया और 19 मार्च को यूट्यूब पर पोस्ट किया।
इसके बाद अलग-अलग वर्जनों में यह गाना रीमिक्स होकर सामने आने लगा। बलवीर सैनी ने स्पष्ट किया कि उनका वीडियो वायरल होने के बाद ही यह गाना चर्चा में आया। वे यह भी मानते हैं कि मूल रचना लीलाराम गुर्जर की ही है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी लिया एक्शन
इस गाने में बैंक ऑफ बड़ौदा का नाम बार-बार आने से आखिरकार बैंक को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। बैंक ने एक आधिकारिक नोटिस जारी करते हुए यूट्यूब क्रिएटर्स को “बैंक ऑफ बड़ौदा” वाली लाइन हटाने के लिए कहा है। बैंक की आपत्ति है कि उनके ब्रांड नाम का इस तरह के व्यंग्यात्मक और अनधिकृत प्रयोग से छवि को नुकसान हो सकता है।
“बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवाओ” सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि राजस्थान की पारंपरिक धमाल शैली, चंग की थाप और गांव की बोली में बसी जिंदगी की झलक है। यह गाना दिखाता है कि कैसे आज भी सोशल मीडिया पारंपरिक लोककलाओं को मंच दे सकता है — बशर्ते क्रेडिट सही हाथों में पहुंचे।
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