सीकर जिले के नागवा गांव का लाल, नरेंद्र कुमार, दिल्ली में ड्यूटी के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में शहीद हो गया। सोमवार को पूरे राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरे क्षेत्र में शोक और गर्व का माहौल रहा।
गांव में गूंजे नारे, तिरंगा रैली में उमड़ा जनसैलाब
25 वर्षीय नरेंद्र कुमार भारतीय सेना की 4 जाट रेजिमेंट में कार्यरत थे। रविवार को दिल्ली में ड्यूटी के दौरान उनकी मौत रहस्यमयी हालातों में हुई। देर रात उनकी पार्थिव देह सीकर के धोद थाना पहुंची, जहां से सुबह ग्रामीणों ने तिरंगे में लिपटे शव के साथ 15 किलोमीटर लंबी श्रद्धांजलि यात्रा निकाली।
भारत माता की जय और नरेंद्र अमर रहें के नारों के साथ रैली नागवा गांव पहुंची। गांव के श्मशान में सैन्य दस्ते की मौजूदगी में नरेंद्र का अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। नरेंद्र की मौत को लेकर ग्रामीणों में गहरी पीड़ा और प्रशासनिक उपेक्षा को लेकर रोष नजर आया। अंतिम संस्कार में तहसीलदार के अलावा कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे लोगों में नाराजगी देखी गई।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मामले को गंभीर बताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र को न्याय और उनके परिवार को सम्मान मिलना चाहिए।
नरेंद्र 2019 में सेना में भर्ती हुए थे। उनका परिवार आज भी गांव में खेती-किसानी करता है। पूरे गांव ने नम आंखों से अपने बेटे को अंतिम विदाई दी और उनके बलिदान पर गर्व जताया।
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