सीकर समेत डीडवाना कुचामन और राजस्थान में न्यायिक कर्मचारी पिछले कई दिनों से आंदोलनरत हैं। कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर 18 जुलाई से धरना चल रहा है, जिसके चलते न्यायिक कार्य पूरी तरह से बाधित हो गया है। इससे आम जनता को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा।
कोर्ट परिसर से निकली आक्रोश रैली-
बुधवार को कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कोर्ट परिसर से आक्रोश रैली निकाली। यह रैली कल्याण सर्किल, तापड़िया बगीची होते हुए वापस कोर्ट परिसर पहुंची। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
सरकार की उदासीनता पर उठे सवाल-
संघ के जिलाध्यक्ष अरविंद चौधरी ने बताया कि सरकार की चुप्पी बेहद निराशाजनक है। उन्होंने कहा, ढाई साल पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने कैडर पुनर्गठन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन राज्य सरकार अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।
न्यायिक कार्य की ठप स्थिति से जनता परेशान-
न्यायिक कर्मचारी प्रिया चौधरी ने कहा कि सरकार की निष्क्रियता के चलते कर्मचारियों को आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा, ढाई साल से सिर्फ इंतजार किया जा रहा था, लेकिन अब आंदोलन ही एकमात्र विकल्प रह गया है।
जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन होगा तेज-
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार जल्द समाधान नहीं निकालती है, तो आंदोलन को और भी व्यापक रूप दिया जाएगा। इससे न्यायिक व्यवस्था पर और ज्यादा असर पड़ सकता है।
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