सीकर के बजाज रोड पर सोमवार को उस वक्त हंगामा मच गया जब स्मार्ट मीटर लगाने आई कंपनी की टीम को स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आरोप है कि कंपनी के कर्मचारी बिना नंबर की गाड़ी में आए और बिना किसी पूर्व सूचना या सहमति के बंद दुकानों के बाहर लगे पारंपरिक बिजली मीटरों को तोड़कर स्मार्ट मीटर लगाने लगे।
जब व्यापारियों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर विरोध जताया। धीरे-धीरे आसपास के दुकानदार और मोहल्लेवासी भी जुट गए और कर्मचारियों को घेर लिया। लोगों ने आरोप लगाया कि यह पूरी कार्रवाई बिना जानकारी और अनुमति के की जा रही है, जो सरासर गलत है।
व्यापारी बोले— बिल बढ़ने का डर, कोई जानकारी नहीं दी गई-
स्थानीय दुकानदार अशोक कुमार ने कहा, हमारा पुराना मीटर बिल्कुल ठीक था। न तो कोई नोटिस दिया गया, न सहमति ली गई और अचानक कर्मचारी मीटर तोड़ने लग गए। स्मार्ट मीटर को लेकर पहले ही लोगों में भ्रम है कि इससे बिजली बिल बढ़ेगा, लेकिन सरकार या कंपनी की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
कर्मचारी छोड़कर भागे, पुराने मीटर फिर से जोड़े गए-
विरोध बढ़ता देख कंपनी के कर्मचारी अपना काम अधूरा छोड़ मौके से चले गए। इसके बाद स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग से संपर्क कर पुराने मीटर दोबारा जोड़े। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि अगली बार बिना सहमति ऐसी कोई भी कार्रवाई हुई तो आंदोलन और तेज होगा।
जनता को विश्वास में लेने की मांग-
व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए। साथ ही जनता को इसकी उपयोगिता, बिलिंग प्रणाली और संभावित असर के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाए ताकि किसी तरह की गलतफहमी न रहे।
स्थिति फिलहाल शांत, लेकिन नाराजगी बरकरार-
घटना के बाद फिलहाल क्षेत्र में स्थिति शांत है, लेकिन लोगों में अभी भी नाराजगी बनी हुई है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक भरोसेमंद जानकारी नहीं दी जाती, तब तक स्मार्ट मीटर लगाने की इजाजत नहीं दी जाए
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