राजस्थान सरकार ने असाध्य और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गों को राहत देने के लिए एक अभिनव योजना शुरू की है। ‘होम बेस्ड पेलीएटिव केयर’ नामक यह योजना बुजुर्ग मरीजों को उनके घर पर ही चिकित्सा सुविधा, देखभाल और परामर्श मुहैया कराएगी।
घर बैठे मिलेगा इलाज
इस योजना को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ द्वारा की गई, जिन्होंने चिकित्सा सेवा वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। योजना मुख्य रूप से उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जो कैंसर, लकवा, किडनी फेलियर, हृदय रोग और सांस संबंधी परेशानियों जैसी असाध्य बीमारियों से पीड़ित हैं।
प्रशिक्षित मेडिकल टीम करेगी देखभाल
ऐसे मरीज जो अस्पताल जाने में असमर्थ हैं या जिन्हें भर्ती होने की जरूरत नहीं है उन्हें घर पर ही इलाज मिलेगा।
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राहुल डिंडोर ने बताया कि जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की सूची बनाई जाएगी जो गंभीर या लाइलाज रोगों से पीड़ित हैं। यह सूची ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से सीएचसी, पीएचसी और उप स्वास्थ्य केंद्रों तक भेजी जाएगी।
इन बुजुर्ग मरीजों के घर पर जाकर उपचार और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा। इस टीम में मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग ऑफिसर और एएनएम को शामिल किया जाएगा। मरीजों को ‘संजीवनी योजना’ के तहत मुफ्त दवाएं दी जाएंगी और दवा लेने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
सभी बीसीएमओ (ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को नियमित रिपोर्टिंग और निगरानी के निर्देश दिए गए हैं ताकि योजना का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से हो सके।
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