अजमेर में भारत विकास परिषद की ओर से आयोजित कांवड़ यात्रा में 5 से 14 वर्ष के दो सौ से अधिक बच्चों ने स्केटिंग करते हुए हिस्सा लिया। पुरानी रीजनल चौपाटी से शिव मंदिर तक स्केटिंग पर कांवड़ लेकर बच्चों ने इस धार्मिक यात्रा को खास बनाया।
शहर के विभिन्न संगठनों और समाज के लोगों ने की भागीदारी-
यात्रा में शहर के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग भी शामिल हुए। भगवान शिव के भजनों पर नाचते-गाते श्रद्धालु उत्साहपूर्वक इस आयोजन का हिस्सा बने, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।
बचपन से धार्मिक और सांस्कृतिक भावना विकसित करने का उद्देश्य-
आयोजकों ने बताया कि यह एक नया प्रयोग है ताकि बच्चों में बचपन से ही धार्मिक संस्कार और सांस्कृतिक मूल्य विकसित हो सकें।
पुष्कर से जल लाकर शिव का अभिषेक-
बच्चों ने पुष्कर के घाटों से पवित्र जल लाकर मंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक किया।जिससे इस यात्रा की धार्मिक महत्ता और भी बढ़ गई।
संस्कार प्रकल्प के तहत संस्कृति, संस्कार और खेल का संगम-
भारत विकास परिषद के संस्कार प्रकल्प के तहत इस कांवड़ यात्रा में संस्कृति, संस्कार और खेल का अनूठा संगम देखने को मिला।जिसने सभी उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
बच्चों में उत्साह देखने लायक था। हर चेहरे पर खुशी और जोश था।स्केटिंग करते हुए वे पूरी श्रद्धा और उमंग के साथ भगवान शिव की भक्ति में डूबे थे।
उनकी मासूमियत और ऊर्जा ने पूरे आयोजन को जीवंत बना दिया। ऐसा लग रहा था जैसे धर्म और खेल का यह संगम नई उम्मीदों को जन्म दे रहा हो।
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