कोटा: न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक युवक की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। गुस्साए परिजन आईसीयू स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत कराने की कोशिश की।
पूरा मामला क्या था ?
डीसीएम सूरसागर निवासी 22 वर्षीय करन बघेल को सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सोमवार दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
तबीयत बिगड़ने पर आईसीयू में किया गया शिफ्ट
शाम को तबीयत बिगड़ने पर उसे श्वास रोग विभाग के आईसीयू में शिफ्ट किया गया। परिजनों का आरोप है कि देर रात से ही करन की हालत लगातार बिगड़ रही थी लेकिन स्टाफ ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया।
परिजनों का आरोप- स्टाफ मोबाइल में व्यस्त, कोई ध्यान नहीं दिया
रात करीब 11 बजे परिजनों को आईसीयू से बाहर कर दिया गया और मिलने नहीं दिया गया। आरोप है कि इस दौरान स्टाफ मोबाइल पर व्यस्त था और सुरक्षा गार्ड ने भी बदतमीजी की। परिजनों का कहना है कि करन की मौत 4 से 5 बजे के बीच हो गई थी जबकि स्टाफ ने सुबह 7 बजे उसे मृत घोषित किया।
हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. आशुतोष शर्मा ने बताया कि मरीज की स्थिति गंभीर थी और इलाज के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यदि परिजन लिखित शिकायत देंगे तो जांच की जाएगी।
डीएसपी मनीष शर्मा ने बताया की, परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मॉर्च्यूरी में रखवाया गया है।
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