जयपुर न्यूज़: राजस्थान हाईकोर्ट ने भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में जमानत दे दी है। जस्टिस अनिल कुमार उपमन की बेंच ने उनके चचेरे भाई विजय कुमार पटेल, तथा लक्ष्मण मीणा और जगराम मीणा को भी जमानत दी। याचिका में बताया गया कि चालान पेश हो चुका है और ट्रायल में समय लगेगा, इसलिए हिरासत में रहे सभी आरोपियों को जमानत दी जाए।
गिरफ्तारी का क्रम-
विधायक जयकृष्ण पटेल और उनके चचेरे भाई विजय पटेल को 4 मई को गिरफ्तार किया गया था। जबकि लक्ष्मण और जगराम मीणा की गिरफ्तारी 5 मई को हुई। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। यह राजस्थान में पहली बार था जब किसी विधायक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
रिश्वत लेने का मामला-
मामले के अनुसार, विधानसभा में खनन विभाग से जुड़े सवालों को वापस लेने के लिए जयकृष्ण पटेल ने 10 करोड़ रुपए की डिमांड की थी। बाद में यह सौदा 2.5 करोड़ रुपए में हुआ, लेकिन विधायक को 20 लाख रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया। यह घटना जयपुर के ज्योति नगर स्थित सरकारी क्वार्टर में हुई थी।
सीसीटीवी में कैद पूरा घटनाक्रम-
ACB को अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज भी मिले थे। फुटेज में विधायक जयकृष्ण पटेल अपने चचेरे भाई विजय पटेल के साथ पैसों के साथ आते दिखे। चचेरे भाई ने बैग पीए रोहित मीणा को दिया, जो स्कूटी से बाहर ले गया। वीडियो में विधायक पैसों के साथ लिफ्ट में जाते हुए और पीए को जल्दी निकलने का इशारा करते नजर आए। यह पूरा घटनाक्रम बेसमेंट पार्किंग में लगे सीसीटीवी में कैद हुआ था।
शिकायतकर्ता और पृष्ठभूमि-
शिकायत रविंद्र सिंह मीणा ने की थी। उनके पिता रामनिवास मीणा बीजेपी के टिकट पर 2023 में टोडाभीम से चुनाव लड़ चुके हैं और बड़े खान कारोबारी हैं। रविंद्र की शिकायत पर जयकृष्ण पटेल के खिलाफ एसीबी ने कार्रवाई की।
राजनीतिक पृष्ठभूमि-
पटेल ने 2024 में बागीदौरा से BAP के टिकट पर उपचुनाव जीतकर बीजेपी के सुभाष तंबोलिया को हराया था। जबकि विधानसभा चुनाव 2023 में उन्हें कांग्रेस के महेंद्रजीत सिंह मालवीय से हार मिली थी।
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