जयपुर: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने साफ कर दिया है कि आगामी पटवारी भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी अगर हाथों पर मेहंदी लगाकर आते हैं तो उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले एफिडेविट देना होगा। बोर्ड का कहना है कि मेहंदी के कारण बायोमैट्रिक अटेंडेंस लेने में दिक्कत आती है इसलिए अभ्यर्थियों को यह हिदायत दी गई है।
मेहंदी से बायोमैट्रिक में दिक्कत, एफिडेविट बन सकता है सहारा
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक छात्र ने बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज से सवाल किया था कि 17 अगस्त को जन्माष्टमी के अवसर पर महिलाएं अगर मेहंदी लगाती हैं तो क्या परीक्षा केंद्र में उन्हें एंट्री मिलेगी?
जवाब में आलोक राज ने स्पष्ट कहा कि मेहंदी लगाना परीक्षा प्रक्रिया के लिए बाधक हो सकता है। ऐसे में महिलाएं और छात्राएं कोशिश करें कि मेहंदी न लगाएं। अगर बहुत ज्यादा मजबूरी हो तो वे उंगलियों के उस हिस्से को खाली छोड़ें, जहां से बायोमैट्रिक अटेंडेंस लिया जाता है।
आलोक राज ने कहा, “परीक्षा भी एक तरह का व्रत है। संयम रखें, क्योंकि असली मेहनत की मेहंदी जीवनभर रंग छोड़ेगी। मेहंदी से फिंगरप्रिंट सही से स्कैन नहीं होते, इसलिए हम मजबूर होकर अभ्यर्थी से एफिडेविट लेते हैं। सुरक्षा कारणों से बायोमैट्रिक अटेंडेंस जरूरी है।”
नकल रोकने के लिए पांच स्तर की जांच व्यवस्था
उन्होंने यह भी बताया कि परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के लिए कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। अभ्यर्थियों की फेस स्कैनिंग, बायोमैट्रिक, हैंडराइटिंग सैंपल, वीडियो रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था रहेगी।
डेढ़ साल में एक भी डमी अभ्यर्थी नहीं पकड़ा गया
बोर्ड अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले डेढ़ साल में उनके कार्यकाल में एक भी डमी उम्मीदवार पकड़ा नहीं गया है। सख्त निगरानी और पांच स्तरीय जांच प्रणाली के कारण फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा में पहुंच ही नहीं पाते। अगर कोई कोशिश करता भी है तो जेल जाने से नहीं बच सकता।
राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बीएससी नर्सिंग काउंसलिंग पर रोक, NOC विवाद सुलझने तक स्थगित
जयपुर में पड़ोसी ने घर में घुसकर 13 साल की बच्ची को डराया और किया दुष्कर्म
जयपुर के दंपति ने बनाया स्मार्ट डिवाइस, भारत सरकार से पेटेंट हासिल