Tuesday, October 14, 2025
Homeराजस्थानझुंझुनूं में बिजली विभाग के खिलाफ जनआक्रोश, स्मार्ट मीटर और निजीकरण के...

झुंझुनूं में बिजली विभाग के खिलाफ जनआक्रोश, स्मार्ट मीटर और निजीकरण के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

झुंझुनूं में बिजली विभाग की नीतियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। स्मार्ट मीटर और विभाग के निजीकरण के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) की तहसील कमेटी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में महिलाओं, किसानों और युवाओं की बड़ी भागीदारी रही।

बिजली ग्रिड स्टेशन के बाहर जुटी भीड़, गूंजे नारे-

प्रदर्शनकारी हाउसिंग बोर्ड स्थित बिजली विभाग के ग्रिड सब स्टेशन (GSS) के बाहर एकत्र हुए और विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटरों के जरिए उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है और ठेका प्रथा के चलते जवाबदेही खत्म हो गई है।

स्मार्ट मीटरों से बढ़े बिलों पर मुख्य नाराज़गी-

प्रदर्शनकारियों की मुख्य शिकायत स्मार्ट मीटरों को लेकर रही। वार्ड पार्षद शारदा चौधरी ने कहा कि उपभोक्ताओं की सहमति के बिना पुराने मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे बिलों में दो से तीन गुना तक बढ़ोतरी हो गई है, जबकि खपत में कोई बदलाव नहीं हुआ। खेतड़ी से आई एक महिला ने बताया कि पहले 400 रुपये आने वाला बिल अचानक 1800 रुपये हो गया, लेकिन विभाग सुनवाई नहीं कर रहा।

निजीकरण और ठेका प्रणाली पर भी फूटा गुस्सा-

प्रदर्शन में बिजली विभाग के निजीकरण और ठेका प्रणाली के खिलाफ भी जोरदार आवाज उठी। DYFI के जिला सचिव योगेश कटारिया ने सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए कहा कि ठेका प्रणाली से न केवल जवाबदेही खत्म हुई है, बल्कि कर्मचारियों की कार्यशैली में भी लापरवाही बढ़ी है। किसान नेता महिपाल पूनिया ने गांवों में ट्रांसफार्मर खराब होने पर हफ्तों तक कोई कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा उठाया, जिससे फसलें प्रभावित हो रही हैं।

प्रशासन को सौंपा गया 5-सूत्रीय मांग पत्र-

प्रदर्शन के अंत में प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन को पांच प्रमुख मांगों वाला ज्ञापन सौंपा, जिसमें शामिल हैं-

  • 1. उपभोक्ताओं की बिना सहमति लगाए गए स्मार्ट मीटरों को तुरंत हटाया जाए।
  • 2. नई स्मार्ट मीटर योजना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
  • 3. बिजली विभाग के निजीकरण और ठेका प्रथा को पूरी तरह से बंद किया जाए।
  • 4. विभागीय ढांचे और सुविधाओं को मजबूत किया जाए।
  • 5. उपभोक्ता शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए।

जनता ने चेताया – मांगें नहीं मानी तो होगा बड़ा आंदोलन-

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर विभाग और प्रशासन द्वारा मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में और बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। जनता की नाराजगी और सहभागिता को देखते हुए यह आंदोलन झुंझुनूं जिले में एक बड़ा जन आंदोलन बन सकता है।

झुंझुनूं के चिड़ावा में दर्दनाक सड़क हादसा, शिक्षक की मौके पर मौत

झुंझुनूं में कार-बाइक भिड़ंत, एक की गर्दन कटी, दूसरा रास्ते में दम तोड़ा

News Desk
News Desk
Spot Now News desk, navigates India's diverse territory through insightful news coverage and thought-provoking articles, contributing to the nation's narrative with clarity and depth.
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Amazon Deals

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!