डूंगरपुर में आदिवासी कांग्रेस ने कलक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन कक्षा पांचवीं की अंग्रेजी पाठ्य पुस्तक से वीर बाला कालीबाई की प्रेरणादायक कहानी हटाए जाने के विरोध में किया गया। आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए और सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई।
शहीद और आदिवासी समाज का अपमान-
गणेश घोघरा ने कहा कि सरकार द्वारा कालीबाई की कहानी हटाना न केवल एक वीर शहीद के प्रति अपमान है, बल्कि यह आदिवासी समाज के सम्मान की भी अवहेलना है। उन्होंने बताया कि यह कहानी बच्चों को न केवल अंग्रेजी भाषा में दक्ष बनाती थी, बल्कि साहस, बलिदान और त्याग की सीख भी देती थी। ऐसे महत्वपूर्ण शैक्षिक तत्व को हटाना चिंता का विषय है।
ज्ञापन के माध्यम से मांगे पूरी करें-
प्रदर्शन के उपरांत आदिवासी कांग्रेस के सदस्यों ने जिला कलक्टर को राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कालीबाई की कहानी को पुनः पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की गई है। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी संगठन या सांप्रदायिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की भी अपील की गई है।
आदिवासी कांग्रेस का कहना है कि शिक्षा से जुड़े निर्णय सामुदायिक भावना और सम्मान का ध्यान रखते हुए लिए जाएं ताकि बच्चों को सही मार्गदर्शन और प्रेरणा मिल सके।
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