बीकानेर: नोखा क्षेत्र में एक प्रसूता की डिलीवरी के महज सात दिन बाद मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मामला बढ़ने पर पुलिस और मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में पोस्टमॉर्टम कराया गया।
पूरा मामला क्या था?
5 अगस्त को काकड़ा गांव के सरकारी अस्पताल में रेणु (पत्नी राकेश बिश्नोई) ने बेटे को जन्म दिया। परिजनों का कहना है कि डिलीवरी के दौरान टांके लगाने में गड़बड़ी हो गई, जिसके बाद उसे नोखा के एक निजी नर्सिंग होम रेफर कर दिया गया। 6 अगस्त को नर्सिंग होम से छुट्टी मिलने के बाद वह घर लौट आई।
छुट्टी के बाद बिगड़ी तबीयत, नर्सिंग होम से पीबीएम रेफर
11 अगस्त की रात महिला की तबीयत अचानक बिगड़ी। परिजनों ने नर्सिंग होम से संपर्क किया, जहां उन्हें अगले दिन सुबह आने को कहा गया। 12 अगस्त को नर्सिंग होम पहुंचने पर डॉक्टरों ने तत्काल बीकानेर के पीबीएम अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
मौत के बाद परिजन बड़ी संख्या में मोर्चरी के बाहर जुट गए और नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। पति राकेश बिश्नोई ने पुलिस को रिपोर्ट देकर चिकित्सकीय लापरवाही की जांच की मांग की। जसरासर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पोस्टमॉर्टम तीन डॉक्टरों के बोर्ड से करवाया गया। पुलिस का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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