राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने पटवारी समेत आगामी सभी भर्ती परीक्षाओं के लिए ड्रेस कोड और सुरक्षा नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब परीक्षार्थी कड़ा, कृपाण, पगड़ी और महिलाएं मंगलसूत्र पहनकर परीक्षा में शामिल हो सकेंगी। हालांकि, उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले एयरपोर्ट जैसी तीन स्तर की कड़ी जांच से गुजरना होगा।
कड़ा, पगड़ी और मंगलसूत्र पहनने पर भी होगी सख्त सुरक्षा जांच
बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि हाल के वर्षों में नकल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए धांधली के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इस कारण अब यदि कोई परीक्षार्थी संदिग्ध पाया गया, तो उसकी तलाशी इनर वियर तक ली जाएगी। कपड़ों में लगे ज़िप, बटन और मेटल पार्ट्स भी जांच के दायरे में आएंगे।
ब्लूटूथ डिवाइस या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के साथ पाए जाने पर परीक्षा केंद्र में एंट्री नहीं दी जाएगी।
- धार्मिक प्रतीक पहनने वाले अभ्यर्थियों की विशेष जांच होगी।
- मेटल डिटेक्टर और मैनुअल चेकिंग दोनों की जाएगी।
- संदिग्ध मेटल वस्तु मिलने पर कपड़े उतरवाकर भी तलाशी हो सकती है।
- गर्मी (1 मार्च–31 अक्टूबर) और सर्दी (1 नवंबर–28/29 फरवरी) के लिए अलग ड्रेस कोड लागू रहेगा।
- टाई, मफलर, शॉल, स्कार्फ, जैकेट, जरकिन जैसे कपड़ों में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- विवाद या संदेह की स्थिति में केंद्र या बोर्ड के अधिकारी का निर्णय अंतिम होगा।
- सुरक्षा के लिए पुलिस या होमगार्ड नहीं, बल्कि बोर्ड द्वारा हायर की गई स्पेशल सिक्योरिटी एजेंसी चेकिंग करेगी।
- सभी अभ्यर्थियों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस, फेस स्कैनिंग और आईरिस स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश मिलेगा।
- परीक्षा खत्म होने तक पेपर बाहर नहीं जाएगा और ऑनलाइन सॉल्यूशन/गाइडेंस पर भी रोक लगाने की तैयारी है।
धार्मिक प्रतीक मान्यता, लेकिन सुरक्षा नियमों में कोई ढील नहीं
बोर्ड का मानना है कि इन सख्त नियमों से नकल और पेपर लीक की घटनाओं पर रोक लगेगी और सभी उम्मीदवारों के लिए परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
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