सीकर न्यूज़: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आज भारत छोड़ो आंदोलन की 83वीं वर्षगांठ पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला दहन किया। किसान संगठनों ने कलक्ट्रेट परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की। इसके बाद किसानों और मजदूरों की मांगों को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
अमेरिका पर लगाया 50% टैरिफ और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दबाव-
किसान क्रांति यूनियन के संयोजक दिनेश सिंह जाखड़ ने बताया कि अमेरिका ने रूस से तेल आयात के चलते भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। जाखड़ ने कहा कि यह किसी भी देश पर अब तक लगाए गए सबसे अधिक टैरिफ में से एक है। उनका आरोप है कि अमेरिका अपनी आर्थिक और सैन्य शक्ति का दुरुपयोग कर भारत की सुरक्षा और कृषि क्षेत्र पर दबाव बना रहा है।
कृषि और व्यापार समझौते किसानों के लिए हानिकारक: एसकेएम-
जाखड़ ने बताया कि अमेरिका भारत से पेट्रोलियम, कृषि, मत्स्य पालन और डेयरी जैसे क्षेत्रों को अपनी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए खोलने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दबाव और कृषि क्षेत्र में हस्तक्षेप पर चुप हैं।
एसकेएम ने इसे भारत की खेती और किसानों एवं मजदूरों के हितों के लिए हानिकारक नीति करार दिया। संगठन ने सरकार से मांग की है कि अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौतों की संसदीय समीक्षा की जाए और किसानों और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
उनका कहना है कि बिना समीक्षा के ये समझौते भारत के कृषि क्षेत्र को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथ में सौंप सकते हैं। जिससे किसानों और मजदूरों का शोषण बढ़ सकता है।
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