भरतपुर: रुदावल तहसील कार्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में है जिसमें जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया के दौरान युवक और क्लर्क के बीच पैसों का लेन-देन दिख रहा है। दोनों पक्षों ने इस घटना पर अलग-अलग बयान दिए हैं जिससे मामला और उलझ गया है।
गांव डुमरिया निवासी भागसिंह गुर्जर ने बताया कि वह अपने छोटे भाई ऋषि (11) का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने मंगलवार को तहसील कार्यालय गया था। प्रक्रिया के अनुसार दो गवाहों की आवश्यकता थी। एक गवाह वह स्वयं बना और दूसरा उसकी मौसी का बेटा रवि बना, लेकिन उसकी उम्र निर्धारित मानक से दो साल कम पाई गई।
युवक का आरोप – क्लर्क ने लिए 500 रुपये
आरोप है कि इस पर क्लर्क योगेश ने दूसरा गवाह लाने की बात कही और 500 रुपये लेकर कागजात जमा कर लिए। युवक का कहना है कि यह पैसे रिश्वत के रूप में लिए गए, जबकि वह इस मामले को एसीबी में शिकायत के लिए तैयार है।
क्लर्क की सफाई – घेवर के लिए दिए थे पैसे
क्लर्क योगेश ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसने भागसिंह को घेवर मंगाने के लिए पैसे दिए थे। घेवर नहीं मिलने पर भागसिंह ने पैसे लौटा दिए और उसी समय वीडियो बना लिया।
तहसीलदार जयप्रकाश शर्मा ने बताया कि ऋषि का जन्म प्रमाण पत्र पहले ही जारी किया जा चुका था। पैसे घेवर मंगाने के लिए दिए गए थे न कि किसी अन्य उद्देश्य से। उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी ली जा रही है और यदि जरूरत पड़ी तो जांच भी करवाई जाएगी।
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