राजस्थान न्यूज: भीलवाड़ा जिले की करेड़ा तहसीलदार कंचन चौहान, जो कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक शंकर सिंह रावत (ब्यावर) की बेटी हैं, पर फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाकर राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा पास करने और सरकारी नौकरी हासिल करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
इस प्रकरण में निदेशालय विशेष योग्यजन ने उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश करते हुए पूरा मामला राजस्व बोर्ड अजमेर को भेजा है।
शिकायत से उठा मामला
ब्यावर निवासी फणीश कुमार सोनी ने 12 अगस्त को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया कि कंचन चौहान ने आरएएस-2018 की चयन प्रक्रिया में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। साथ ही उनके नवोदय विद्यालय और उदयपुर विश्वविद्यालय से प्राप्त शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की भी मांग की गई।
तहसीलदार की नियुक्ति और सेवा
कंचन चौहान का चयन 2018 बैच में हुआ था। उन्हें पहली नियुक्ति 27 दिसंबर 2021 को गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) में नायब तहसीलदार पद पर मिली थी। करीब एक साल से वे करेड़ा तहसील में पदस्थापित हैं।

पुनः मेडिकल करने की मांग
निदेशालय विशेष योग्यजन ने 21 अगस्त को राजस्व बोर्ड अजमेर को पत्र भेजकर विस्तृत जांच की अनुशंसा की है। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने वाले डॉक्टर अब स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसलिए चौहान का पुनः मेडिकल परीक्षण किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में गठित मेडिकल बोर्ड से कराया जाना जरूरी है।
