राजस्थान: चितौड़गढ़ के भैंसरोड़गढ़ की रहने वाली एक युवती ने बूंदी के अस्पताल में 4 सितंबर को एक बच्चे को जन्म दिया। जन्म के बाद से ही युवती के माता-पिता उससे छुटकारा पाना चाहते थे क्योंकि बच्चे का पिता युवती के मामा का लड़का था। बच्चा पैदा होने के कुछ दिन बाद ही उसे बेचने की कोशिश की गई, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला।
इसके बाद माता-पिता के साथ युवती बच्चे को लेकर मांडलगढ़ (भीलवाड़ा) पहुंची। यहां सीता कुंड मंदिर के सामने जंगल में बच्चे को छोड़ने की योजना बनाई। जब कुछ दूर गए तो उन्हें कुछ पत्थर पड़े मिले। उन्हीं पत्थरों के पास बच्चे को रखा और कुछ पत्थर बच्चे के मुंह में भी ठूस दिए ताकि वह आवाज न करे। साथ ही फेविक्यू का इस्तेमाल कर बच्चे के होठों को चिपका दिया। फिर परिवार वहां से चला गया।
करीब 3 घंटे बाद वहां एक हीरालाल तेली नामक बकरी चरवाहा आया। जब वह उन्हीं पत्थरों के पास पहुंचा तो उसे कुछ आवाज़ सुनाई दी। पहले तो वह डर गया कि कोई सांप न हो, फिर हिम्मत कर कुछ पत्थर हटाए। उनके नीचे बच्चा था। उसने आस-पास मौजूद लोगों को सूचना दी और पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद बच्चे को बिजोलिया अस्पताल पहुँचाया गया, जहां से उसे उच्च स्तरीय इलाज के लिए भेजा गया।
पुलिस ने युवती और उसके पिता को डिटेन किया है। जल्द ही डीएनए टेस्ट करवा कर पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।