जयपुर। इंदिरा गांधी पंचायती राज विकास संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर और पंचायती राज विभाग के अधिशाषी अभियंता रामावतार मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के संदेह में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बुधवार को जयपुर, गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर), करौली समेत 12 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की।
जानकारी के अनुसार – अब तक करीब ₹2.77 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिली है, जो मीणा की कानूनी आय से 115 प्रतिशत अधिक है।
दरअसल, ACB को मीणा के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उनके पास वैध आय के मुकाबले असामान्य रूप से संपत्ति है। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस शिकायत की जांच कराई, और प्रमाण मिलने पर कोर्ट से अनुमति लेकर आज यह कार्रवाई शुरू की गई। एडीशनल SP भूपेंद्र ने बताया कि मीणा को डेपुटेशन पर इंदिरा गांधी पंचायती राज विकास संस्थान में लगाया गया है।
छापेमारी के दौरान जयपुर के जगतपुरा स्थित उनके आवास से जीप, कार, बुलेट बाइक, ₹3 लाख कैश और बेनामी संपत्ति के कई दस्तावेज बरामद हुए।
जांच में यह भी पता चला कि मीणा के बेटे और पत्नी के नाम पर कई संपत्तियां हैं, और इंदिरा गांधी नगर में तीन मंजिला नया मकान बन रहा है, जिसमें लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। उनके बेटे और बेटी ने शहर के महंगे कोचिंग संस्थानों से पढ़ाई की है और वर्तमान में दोनों उदयपुर में MBBS कर रहे हैं।
ACB को मिली संपत्ति –
- जयपुर, इंदिरा गांधी नगर में लगभग 6 प्लॉट और मकान।
- रोहिणी नगर, टीलावाला और जगतपुरा में मुख्य महल रोड पर करोड़ों की जमीन।
- अचलपुरा, कोटखावदा में लाखों की जमीन।
- गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर) के प्रमुख मार्ग और कॉलोनियों में प्लॉट।
- करौली जिले के खिरखिड़ा गांव में आलीशान फार्म हाउस।
- पैतृक गांव धंधावली और हिण्डौन में भी मकान।
बैंक खातों और वित्तीय लेनदेन की जांच
ACB ने मीणा और उनके परिवार के आधा दर्जन से अधिक बैंक खातों की जांच की। इन खातों में लाखों रुपये का संदिग्ध लेनदेन पाया गया है। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी जारी है और कुल संपत्ति का वास्तविक मूल्य ₹2.77 करोड़ से अधिक हो सकता है।


