राजस्थान में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर फिर चर्चा शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने घाटे में चल रही संस्थाओं को अब नई पेंशन स्कीम (NPS) अपनाने की छूट दे दी है।
इस बदलाव का असर बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय और स्वायत्त संस्थाओं पर पड़ेगा, जहां अभी तक OPS लागू है।
वित्त विभाग का आदेश –
वित्त विभाग ने आर्थिक रूप से कमजोर संस्थाओं को OPS बंद कर NPS अपनाने की अनुमति दे दी है। बोर्ड या विश्वविद्यालय अपने स्तर पर निर्णय लेकर सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही यह बदलाव कर सकते हैं।
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) –
इस योजना में कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होती। रिटायरमेंट के बाद वेतन का करीब 50% हर महीने पेंशन के रूप में मिलता है। नौकरी के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को फैमिली पेंशन और नौकरी की सुविधा दी जाती है। OPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) और छह महीने में मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) भी शामिल है।
नई पेंशन स्कीम (NPS)
NPS में कर्मचारी की बेसिक सैलरी और DA का 10% कटता है। यह स्कीम शेयर बाजार से जुड़ी होने के कारण जोखिम भरी है और रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं देती। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं है और रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए फंड का 40% निवेश करना होता है।
पेनल्टी और लेट फीस – OPS लागू करने के दौरान पहले किए गए कटौतियों पर पेनल्टी या लेट फीस कर्मचारी को नहीं देनी होगी। यह राशि संबंधित संस्था द्वारा ही भुगती जाएगी।


 
                                    