Spotnow news: राजस्थान में जल जीवन मिशन (JJM) के तहत बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी सहित 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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इस मामले में पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी, वित्तीय सलाहकार सुशील शर्मा, चीफ इंजीनियर राम करण मीणा, एडिशनल चीफ इंजीनियर अरुण श्रीवास्तव, सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर निरिल कुमार, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विशाल सक्सेना, विकास गुप्ता, महेंद्र प्रकाश सोनी, भगवान सहाय जाजू, जितेंद्र शर्मा, पदमचंद जैन (फर्म मालिक, श्री श्याम ट्यूबवैल), महेश मित्तल (फर्म मालिक, श्री गणपति ट्यूबवैल), मुकेश पाठक, रमेश चंद मीणा, परितोष गुप्ता, दिनेश गोयल और अन्य अधिकारी व ठेकेदार शामिल हैं।
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फर्जी प्रमाण पत्रों से हुआ 900 करोड़ का घोटाला
एसीबी की जांच में बहरोड़ के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मायाराम सैनी से हुई पूछताछ में पीएचईडी के जेजेएम कामों में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए टेंडर हासिल करने का मामला सामने आया। महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर राजस्थान में कई स्थानों पर टेंडर प्राप्त किए और इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार किया।
जांच में यह भी पता चला कि इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर अयोग्य कंपनियों को टेंडर दिए गए। 18 जनवरी 2024 को एसीबी ने एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच एसपी विशनाराम को सौपी गई। इसमें मुकेश पाठक और पदमचंद जैन के साथ कुछ अधिकारियों की भी संलिप्तता सामने आई।
ईमेल आईडी से पकड़े गए आरोपी
एसीबी के पास कुछ ईमेल आईडी थीं जिनसे टेंडर प्राप्त किए गए थे। मुकेश पाठक से पूछताछ में कई ईमेल आईडी की जानकारी मिली, जिनमें से कुछ गूगल आईएनसी से प्राप्त हुई। जांच में यह सामने आया कि कुछ ईमेल आईडी में रिकवरी ईमेल और मोबाइल नंबर मुकेश पाठक के थे। एक अन्य ईमेल आईडी में रिकवरी ईमेल के तौर पर देवेंद्र गहलोत का नाम था। एसीबी ने रक्षित माथुर से भी पूछताछ की, जो जयपुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
जांच के दौरान यह पता चला कि देवेंद्र सिंह ने श्याम ट्यूबवेल और गणपति ट्यूबवेल के लिए ईमेल आईडी और डोमेन आईडी रक्षित माथुर से बनवाए थे। देवेंद्र सिंह ने बताया कि यह ईमेल आईडी पदमचंद जैन के कहने पर तैयार करवाई थीं और इसके लिए पैसे पदमचंद जैन ने दिए थे। देवेंद्र सिंह के कंप्यूटर से दोनों कंपनियों के टेंडर की सॉफ्ट कॉपी मिली जिनमें 22 अन्य लोगों के नाम थे। जिनमें एक पूर्व मंत्री महेश जोशी का नाम भी शामिल था।
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एसीबी की आरोपियों पर कार्रवाई
पूरा मामला 7 अगस्त 2023 का है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने पीएचईडी इंजीनियर मायालाल सैनी, प्रदीप, ठेकेदार पदमचंद जैन और कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह को गिरफ्तार किया। साथ ही दलाल प्रवीण कुमार को भी पकड़ा गया। इन लोगों के पास से 2.90 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई थी। ये सभी बहरोड़ से जयपुर के होटल पोलो विक्ट्री में पहुंचे थे, जहां पर चौमूं पुलिया के पास एसीबी ने उन्हें घेरकर पकड़ लिया।
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जांच में यह भी सामने आया कि बहरोड़ के एईएन राकेश चौहान की भूमिका भी संदिग्ध थी, जिसके बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा पदमचंद जैन और महेश मित्तल पर आरोप था कि उन्होंने जेजेएम में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र जमा कराए थे। इन दोनों कंपनियों पर जयपुर रीजन के इंजीनियरों के साथ मिलीभगत कर 900 करोड़ रुपये के टेंडर हासिल करने का आरोप है।
सितंबर 2023 में एसीबी ने इन दोनों कंपनियों श्याम ट्यूबवेल और गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इन पर टेंडर प्राप्त करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का आरोप था।
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